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लातेहार में चिकित्सकों की कमी नहीं बन पाया चुनावी मुद्दा

लातेहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदहाल है. अनुमंडलीय अस्पताल के बाद लातेहार अस्पताल को सदर अस्पताल का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां आज तक चिकित्सकों की कमी पूरी नहीं की जा सकी.

लातेहार. लातेहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदहाल है. अनुमंडलीय अस्पताल के बाद लातेहार अस्पताल को सदर अस्पताल का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां आज तक चिकित्सकों की कमी पूरी नहीं की जा सकी. इस मामले में अब तक सरकार या जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता नहीं बरती है. दुर्भाग्य यह है कि जिले में चिकित्सकों की कमी आज तक चुनावी मुद्दा नहीं बन पाया. ज्ञात हो कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन संसाधन उपलब्ध कराने के नाम पर हर वर्ष करोड़ों की राशि खर्च कर रही है. लेकिन इसका लाभ जिले के लोगों को नही मिल पा रहा है. जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड के ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की भारी कमी है. वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार लातेहार जिला की आबादी आठ लाख थी, जो अब बढ़कर दस लाख से अधिक हो गयी है. लातेहार में चिकित्सकों का स्वीकृत पद 111 है, लेकिन वर्तमान में मात्र 43 चिकित्सक ही पदस्थापित हैं. इनमें चार चिकित्सक दूसरे जिले में प्रतिनियुक्त हैं. शेष बचे 39 चिकित्सकों में सिविल सर्जन, एसीएमओ तथा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक भी शामिल हैं. जिले के गारू और हेरंहज प्रखंड में एक-एक चिकित्सक हैं. गारू प्रखंड में एकमात्र रेफरल अस्पताल संचालित है, जबकि वहां की आबादी 50 हजार से अधिक है. महुआडांड अनुमंडल मुख्यालय में भी एक चिकित्सक पदस्थापित है. नेतरहाट व बालूमाथ में दो-दो तथा मनिका में तीन चिकित्सक पदस्थापित हैं. जिले में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए कई बार मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान स्थानीय लोगों ने आकृष्ट कराया है, लेकिन कभी गंभीरता नहीं बरती गयी.

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