लातेहार. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डाॅ आशा लकड़ा ने बुधवार को जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस उन्होंने जिले में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने जिला प्रशासन से आदिवासियों के विकास की सूची तैयार करने का निर्देश दिया. बैठक के बाद परिसदन भवन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. मौके पर डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि लातेहार जिले में विकास के नाम पर आदिवासियों को ठगा जा रहा है. स्वास्थ्य, वन, शिक्षा, पेयजल, कृषि, श्रम सहित सभी विभागों में विकास का कोई खाका नहीं है. लातेहार में 45.54 प्रतिशत जनजाति परिवार रह रहे हैं, लेकिन उनको उनका हक नहीं मिल रहा है. जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में एक छह साल के बच्चे पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. चकला में सीओ और कर्मचारी की मिलीभगत से जमीन की हेराफेरी की गयी है. चकला में 400 परिवार की जमीन छीन ली गयी है. जिले में छह वन क्षेत्र हैं, लेकिन सही लोगों को वन पट्टा नहीं दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार द्वारा गलत तरीके से मूल्यांकन विपत्र में छेड़छाड़ कर एक आदिवासी महिला को उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आदिवासी महिला के स्थान पर अपनी सगी बहन को चंदवा के ख्रीस्त राजा मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर बहला करा दिया है, जिस पर आयोग ने संज्ञान ले लिया है. उन्होंने कहा कि कस्तूरबा विद्यालय में बच्चों को अब तक पुस्तक नहीं मिली है. ऐसे में कैसे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा. जिले के शहरी क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है. वहीं एक डिग्री कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में बना है, लेकिन वहां अब तक पढ़ाई शुरू नही हो सकी है. उन्होंने कहा कि सभी विषयों पर आयोग उचित निर्णय लेते हुए कार्रवाई करेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है