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लोहरदगा में बंधु तिर्की ने BJP बोला हमला, विपक्ष आदिवासियों को बरगलाने की राजनीति कर रही है

इस पर डीलिस्टिंग को लेकर आयोजित रैली में कोई चर्चा क्यों नहीं हुई. दावा किया कि डीलिस्टिंग की मांग करने वालों में वैसे लोग अधिक हैं, जिनकी विचारधारा जमीन लूटने वालों से मिलती-जुलती है.

लोहरदगा: कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशअध्यक्ष बंधु तिर्की शनिवार को लोहरदगा पहुंचे. लोहरदगा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच और आरएसएस आदिवासी समाज को कमजोर करने में लगी है. उन्होंने कहा कि विगत 24 दिसंबर को जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डीलिस्टिंग रैली असंवैधानिक, भाजपा और आरएसएस द्वारा प्रायोजित थी. कहा कि 4 फरवरी को आदिवासी एकता महारैली कर इसका जवाब दिया जाएगा. श्री तिर्की ने कहा कि पूरे प्रदेश में आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है. इस पर कहीं न कहीं भाजपा समर्थित संगठनों ने मौन धारण किया हुआ है. डीलिस्टिंग की मांग करनेवालों को यह भी बताना चाहिए कि राजधानी रांची के कई इलाकों में डेमोग्राफी क्यों बदल रही है.

इस पर डीलिस्टिंग को लेकर आयोजित रैली में कोई चर्चा क्यों नहीं हुई. दावा किया कि डीलिस्टिंग की मांग करने वालों में वैसे लोग अधिक हैं, जिनकी विचारधारा जमीन लूटने वालों से मिलती-जुलती है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के कई ज्वलंत मुद्दे हैं. इन मुद्दों को लेकर मोरहाबादी मैदान में 4 फरवरी को आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है. रैली को सफल एवं बेहतर बनाने के लिए लोहरदगा से पूर्व विधायक सुखदेव भगत को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि 4 फरवरी की रैली में कई मुद्दे होंगे. जिसको लेकर एक चुनौती के रूप में लेकर दस्तावेज तैयार कराकर मामले को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को दिया जाएगा. कहा कि विगत 24 दिसंबर को मोरहाबादी में जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले की गई डिलिस्टिंग महारैली को हम और सभी जनजाति समाज असंवैधानिक मानते हैं.

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इस महारैली में आदिवासियों के जन मुद्दा, सरना धर्म कोड, तीन लाख से अधिक आदिवासी आरक्षित पदों के बैकलॉग, जनजातीय समाज के जमीन संबंधी मामले, पांचवी अनुसूची, फॉरेस्ट राइट जैसे मामलों पर डिलिस्टिंग रैली में एक शब्द भी नहीं बोला गया. सिर्फ सनातनी आदिवासी, धर्म परिवर्तन, ईसाई और मुस्लिम बने आदिवासियों को आरक्षण का लाभ लेने से वंचित कर देने के लिए जनजातीय लिस्ट से बाहर कर देने की मांग कर आदिवासी समाज के बीच जहर घोलने की बात हुई.

जिसका पूरा जनजाति समाज विरोध करता है.कहा कि 24 दिसंबर 2023 की डिलिस्टिंग महारैली जहां जनजातीय समाज को कमजोर करने के लिए थी, उस महारैली में न सरना धर्म की बात हुई और न ही आदिवासियों के हक और अधिकार की. सिर्फ भाजपा और आरएसएस के इशारे पर जनजातीय सुरक्षा मंच के माध्यम से समाज को कमजोर करने की कोशिश की गई. मौके पर प्रदेश डेलीगेट नेसार अहमद, युथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष गुलाम जिलानी, जिला बीस सूत्री सदस्य संगीता उरांव, कुड़ू प्रखंड उपाध्यक्ष मुनीम अंसारी, सेन्हा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष जमील अंसारी, युवा जिला सचिव सुहैल अख्तर मौजूद थे.

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