कुड़ू. अविराम कॉलेज ऑफ एजुकेशन टिको कुड़ू में बाल दिवस, झारखंड स्थापना दिवस तथा जनजाति गौरव दिवस के मौके पर अविराम हाट का भव्य आयोजन किया गया. अविराम हाट में झारखंड की कला व संस्कृति की झलक के साथ – साथ प्रशिक्षुओं द्वारा लगाए गए स्टाल जिसमें विविध प्रकार के पकवान व मनोरंजन के लिए खेलों का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम का शुभारंभ कालेज के सचिव इंद्रजीत कुमार व गणमान्य अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर व दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया गया. भारत माता ,सरस्वती माता व भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा पुष्पार्चन करते हुए नमन किया गया. मौके पर झारखंडी संस्कृति व कला का अवलोकन कर सभी स्टॉल का निरीक्षण अतिथियों के द्वारा किया गया, जिसमे प्रशिक्षु विक्रम,बेला,यशोदा, प्रिया,सुमित,प्रीति,कीर्ति,आकांक्षा,सागर, तन्वी,विद्या, सुजीता, अनुराग,ज्योति,नेवी, अंकिता,लक्ष्मी,अनिमा, एंजेल,किरण,शिवानी, विनीत,अभित,पंकज, ओनोल,ऑस्कर,नीरल, सुधा,कुसुम,रेशमा,नेहा, प्रियंका, निशांत,डेविड व अन्य के द्वारा आंवला, चाय, कॉफी, गोलगप्पा, गुलाब जामुन,धूतू लडडू, चाऊमीन,गुलगुला,पास्ता, पीठा,समोसा,इडली,दही बड़ा, झालमुरी, छिलका, मड़वा रोटी गेम्स व हरे भरे प्लांट्स आदि के स्टॉल लगाये गये, जिसमें प्रशिक्षुओं व अभिभावकों ने जम कर खरीदारी की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज के सचिव इंद्रजीत कुमार ने कहा कि जनजाति गौरव दिवस की सार्थकता तभी साबित होगी, जब झारखंड के आदिवासी भाई – बहन को उनका हक तथा अधिकार के लिए भटकना नहीं पड़े. झारखंड की पहचान जल,जंगल व जमीन हैं. कॉलेज की प्राचार्य डॉ प्रतिमा त्रिपाठी ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के रूप में झारखंड राज्य स्थापना दिवस को मनाया जाता है. अतः हमें हमारी गौरवमयी कला, संस्कृति जिसमे पहनावा,खान पान,भाषा आदि से परिचित होना आवश्यक है. ऐसे में इस प्रकार के आयोजन जहां प्रशिक्षु स्वयं आयोजन के सहभाग करते हैं, उन्हें अधिक समीप से सीखने समझने व अपनी संस्कृति पर गर्व करने का अवसर मिलता है. मौके पर रेणुका,कुंदन,शशि, शिव,पंकज,पवन,कुंदन, ममता,प्यारी,मनु, जंगबहादुर,आफताब तथा अन्य शामिल थे.
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