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तीन विद्यालय भवन आठ साल से अधर में

केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना एमएसडीपी मद से कुड़ू प्रखंड के तीन स्थानों पर लगभग एक करोड़ 86 लाख की लागत से बनने वाली तीन विद्यालय भवन आठ साल से अधूरा पड़ा हुआ है.

फोटो .बुनियादी विद्यालय में अधूरा पड़ा भवन

फोटो. कबाड़ मे तब्दील होता 32 लाख की लागत से बना भवन

फोटो.जर्जर होता भवन का भीतरी हिस्सा

कुड़ू लोहरदगा. केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना एमएसडीपी मद से कुड़ू प्रखंड के तीन स्थानों पर लगभग एक करोड़ 86 लाख की लागत से बनने वाली तीन विद्यालय भवन आठ साल से अधूरा पड़ा हुआ है. अधूरे भवन को पूर्ण कराने को लेकर सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं. नतीजा भवन के अभाव में बच्चों को भारी परेशानी हो रही है. कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन की मांग पर कल्याण विभाग के तत्कालीन सचिव तथा शिक्षा सचिव ने अधूरे भवन का निरीक्षण करते हुए केन्द्र सरकार को पत्राचार किया, लेकिन केन्द्र सरकार अधूरे भवन को पूर्ण कराने का प्रयास तो दूर, पचास प्रतिशत फंड रिलीज करने में कोई पहल नहीं कर पाया है. बताया जाता है कि केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना एमएसडीपी मद के तहत कुड़ू प्रखंड के तीन स्थानों राजकीय बुनियादी विद्यालय कुड़ू, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कुड़ू तथा उत्क्रमित उच्च विद्यालय सलगी में दो मंजिला भवन निर्माण के लिए एमएसडीपी मद से पचास प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में लगभग 92 लाख रुपया आवंटित किया गया था. तीनों भवनों के निर्माण के लिए कुल एक करोड़ 86 लाख रुपये का प्राक्कलन बनाया गया था. प्रति दो मंजिला भवन निर्माण के लिए 62 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया था,भवन निर्माण की क्रियान्वयन एजेंसी कल्याण विभाग थी तथा विभागीय स्तर पर भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा था. प्रथम किस्त में मिली राशि 32 लाख रुपये से कार्य शुरू कराया गया. दो मंजिला भवन निर्माण कार्य साल 2016 में शुरू कराया गया. दो साल में भवन निर्माण कार्य पूर्ण कराते हुए भवनों को शिक्षा विभाग को हैंडओवर करना था. भवन निर्माण कार्य का शिक्षा विभाग निगरानी कर रहा था. कार्य शुरू होकर लगभग दो मंजिला भवन का छत ढलाई हो गया इसी बीच प्रथम किस्त में मिली पचास प्रतिशत राशि समाप्त हो गयी, इसके बाद कल्याण विभाग ने द्वितीय किस्त पचास प्रतिशत राशि मांग को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र सरकार के कल्याण मंत्रालय को पत्राचार किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, नतीजा भवन निर्माण कार्य आठ साल से अधूरा पड़ा कबाड़ मे तब्दील हो रहा है. बताया जाता है कि जिला प्रशासन की मांग पर राज्य के तत्कालीन कल्याण सचिव व शिक्षा सचिव ने तीन साल पहले अधूरे भवन का निरीक्षण किये तथा राशि की मांग की, लेकिन केन्द्र सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. पिछले साल उपायुक्त डॉ बाघमारे प्रसाद कृष्ण ने पांचवीं बार अधूरे भवन को पूर्ण कराने के लिए पचास प्रतिशत राशि की मांग की, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है.

क्या कहते हैं शिक्षक तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी

अधूरे भवन के कारण हो रही परेशानी : धर्मदेव प्रसाद

राजकीय बुनियादी विद्यालय कुड़ू के प्रभारी प्रधानाध्यापक धर्मदेव प्रसाद ने बताया कि अधूरे भवन के कारण काफी परेशानी हो रही है . भवन निर्माण कार्य पूर्ण होता, तो बच्चों को सुविधा होती.

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भवन निर्माण कार्य को पूर्ण कराने के लिए बकाया राशि नहीं मिली है

सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े तथा भवन निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि भवन अधूरा रहने के कारण पचास प्रतिशत राशि नहीं मिलनी है. राशि मिलती, तो भवन निर्माण कार्य छह साल पहले पूर्ण हो जाता.

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शिक्षा विभाग के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है : बीइइओ

प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अरबिंदा कुमारी ने बताया कि तीन स्थानों पर भवन अधूरा पड़ा है. इसे पूर्ण कराने के लिए शिक्षा विभाग के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है. राशि मिलने के बाद अधूरे भवन को पूर्ण कराया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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