11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Water Crisis : बूंद-बूंद पानी को लेकर पाकुड़ के मसधारी गांव के लोग, कड़ी परिश्रम कर महिलाएं जुटाती हैं जल

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के मसधारी गांव में आज भी आदिवासियों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करना पड़ता है. पानी के लिए गांव की महिलाओं को रोजाना जद्दोजह्द करना पड़ता है.

लिट्टीपाड़ा, सुजीत मंडल : पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर बसे करमाटांड़ पंचायत के मसधारी गांव की बामरी पहाड़िन का दिनभर का अधिकांश समय पानी की व्यवस्था करने में ही चला जाता है. दिन में पानी की व्यवस्था नहीं होने पर रात में भी इसी काम में लगना पड़ता है. वहीं गांव के बाकी परिवारों की महिलाओं का भी मुख्य काम यही रहता है.

गांव भारी जल संकट से जूझ रहा है

खाना बनाना, बच्चों को देखना, उन्हें खाना खिलाना तो पड़ता ही है, रोजमर्रा का जरूरी काम भी करना पड़ता है. लेकिन पानी की व्यवस्था सबसे जरूरी होता है, इसके बिना कोई और काम मुश्किल हो जाता है. क्योंकि पहाड़ी गांव से ना नदी गुजराती है और ना ही पानी के लिए चापाकल या अन्य कोई व्यवस्था है. एक बरसाती झरना और कुआं है. लेकिन गर्मी में वह भी सुख जाता है. ऐसे में पहाड़ की तलहटी में बने एक झरने में लोग बारी-बारी से पानी भरने के लिए पहुंचते हैं.

Whatsapp Image 2024 06 17 At 8.55.49 Pm 2
Water crisis : बूंद-बूंद पानी को लेकर पाकुड़ के मसधारी गांव के लोग, कड़ी परिश्रम कर महिलाएं जुटाती हैं जल 4

गांव के 200 लोग हैं प्रभावित

मसधारी गांव में करीब 27 परिवार में करीब 200 लोग रहते हैं. मुख्य सड़क से करीब 4 किलोमीटर भीतर स्थित गांव में पेयजल संकट को दूर करने के लिए लगभग चार वर्ष पूर्व डीप बोरिंग कर पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. लेकिन विभाग व संवेदक की लापवाही के कारण आज तक उक्त योजना का कार्य पूर्ण नहीं किया गया है. जिससे ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है. लिट्टीपाड़ा प्रखंड का सिर्फ मसधारी गांव ही पानी की समस्या से नहीं जूझ रहा है बल्कि इस तरह के कई गांव है, जहां के लोग पानी की व्यवस्था में ही दिन रात लगे रहते हैं. ये पानी भी पूरी तरह से साफ नहीं होने के कारण बड़ी तादाद में लोग एक साथ बीमार भी होने लगते है ऐसे में इस इलाके में प्रदूषित पानी पीने से डायरिया सहित अन्य बीमारियां फैलते रहती है.

Whatsapp Image 2024 06 17 At 8.55.49 Pm 4
Water crisis : बूंद-बूंद पानी को लेकर पाकुड़ के मसधारी गांव के लोग, कड़ी परिश्रम कर महिलाएं जुटाती हैं जल 5

क्या कहते हैं ग्रामीण

गांव की महिला बामरी पहाड़िन ने बताया कि पहाड़ी गांव होने के कारण पानी की सुविधा नहीं है. हम लोग झरने का पानी पीते हैं. दिन रात पानी की व्यवस्था में चला जाता है. घर का बाकी काम भी करना पड़ता है जिससे परेशानी काफी बढ़ जाती है. पानी की व्यवस्था कैसे हो इसको लेकर सरकार को विचार करना चाहिए, हमलोग बहुत परेशानी से रहते हैं.

वहीं मासधारी गांव के ग्राम प्रधान बैदा पहाड़िया ने कहा कि गांव में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन को कई बार बोले हैं. पानी टंकी जो बनाया गया और अधूरा रह गया उसको लेकर भी बोले लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ. ऐसे में हमलोग झरना और बरसाती कुआं का पानी पीने के लिए मजबूर हैं. गांव के लोग झरने का दूषित पानी पीने के लिए रातजग्गा कर गांव से लगभग आधा किलोमीटर पहाड़ के नीचे से ऊबड़-खाबड़ पथरीली रास्ते से पानी लाने को विवश है.

Whatsapp Image 2024 06 17 At 8.55.49 Pm 3 1
Water crisis : बूंद-बूंद पानी को लेकर पाकुड़ के मसधारी गांव के लोग, कड़ी परिश्रम कर महिलाएं जुटाती हैं जल 6

गांव के निवासी बामरा पहाड़िया ने कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की घोर समस्या उत्पन्न हो जाती है. गांव में सिर्फ एक ही झरना कूप है. जो गर्मियो में सूखने के कगार में पहुंच जाती है. ऐसे में गर्मी के समय पहाड़ से नीचे उतर कर लगभग दो किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है.

करमाटाड़ पंचायत के मुखिया माड़ी पहाड़िन ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को काफी परेशान होना पड़ रहा है. इन सभी समस्या का निदान के लिए लगातर प्रयास किया जा रहा है. उम्मीद है कि ग्रामीणों को जल्द ही समस्या से निजात मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें