बेतला (लातेहार), संतोष कुमार. पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे हो गए हैं. पीटीआर के साथ-साथ देश के प्रथम नौ टाइगर प्रोजेक्ट के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं. टाइगर रिजर्व के 50 साल पूरे होने पर 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पलामू टाइगर रिजर्व सहित देश के सभी टाईगर रिजर्व के बाघों के आंकड़े प्रस्तुत करेंगे.
इस अवसर पर वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मैसूर तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इस दौरान देश के सभी टाइगर प्रोजेक्ट में मौजूद बाघों के आंकड़े को प्रस्तुत किया जाएगा.
पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. पीटीआर में अभी बाघों की संख्या कितनी है, इसका स्पष्ट खुलासा उसी दिन हो सकेगा. इसके पहले 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था, जिसमें पीटीआर में बाघों की संख्या शून्य बताई गयी थी.
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पीटीआर के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशीष ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर पीटीआर पूरी तरह से तैयार है. बाघ सहित अन्य जंगली जानवरों की वास्तविक संख्या सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी एनटीसीए को भेज दिया गया है, जिसके माध्यम से भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि मैसूर में आयोजित कार्यक्रम में कई अन्य कार्यक्रम शामिल हैं, जो कि पूरे देश के टाइगर प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे होने के गौरव को बखान करेगा.
1129 वर्ग किलोमीटर में फैले पलामू टाइगर रिजर्व की स्थापना के समय 1973- 1974 में बाघों की संख्या 50 थी. आजादी के बाद पहली बार देश में नौ टाइगर रिजर्व का गठन किया गया था, जिसमें झारखंड का एकमात्र पलामू टाइगर रिजर्व भी था. देश में वर्तमान में 54 टाइगर रिजर्व स्थापित हो गये हैं. देश के कई टाइगर रिजर्व में बाघों की अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई, लेकिन यह निराशाजनक ही रहा कि पीटीआर में इनकी संख्या घटती गयी. स्थापना के समय बाघों की संख्या 50 थी, जो घटकर 2018 में शून्य तक पहुंच गया था. हालांकि, 2019, 2020, 2022 में बाघ के प्रमाण मिले. इस वर्ष भी हाल ही में प्रत्यक्ष रूप से एक बाघ देखा गया है.
पलामू टाइगर रिजर्व में साल 1974 में बाघों की संख्या 50 थी. साल 1990 में 45 बाघ रह गए. 2005 तक यह संख्या घटकर 38 हो गई. 2006 में महज 17 बाघ ही रह गए. फिर 2007 और 2010 में मात्र 6 बाघ बचे थे. वहीं 2014 तक 3 बाघ बचे और 2018 में यह संख्या शून्य हो गई.
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पीटीआर सहित देश के प्रथम 9 टाइगर रिजर्व के 50 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में टाइगर रिजर्व के गौरव गाथा का बखान किया जाएगा. इसके लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के द्वारा 50 साल के गौरवमयी इतिहास को भी दर्शाया जाएगा. इधर पीटीआर में 1 अप्रैल से ही कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है.