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झारखंड के इस जिले में बगैर अनुमति जुलूस निकालने पर अब होगी कार्रवाई, रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर भी रोक

पलामू में बिना अनुमति जुलूस या धरना प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं, रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर भी रोक लगायी गयी है. डीसी ने इस संबंध में सदर एसडीओ को इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया है. साथ ही कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है.

पलामू, सैकत चैटर्जी : पलामू में अब बिना अनुमति के जुलूस निकालने और धरना प्रदर्शन करने वालों की अब खैर नहीं. जिला प्रशासन ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को ठानी है. किसी भी तरह का जुलूस निकलने एवं धरना प्रदर्शन करने वालों के साथ डीजे बजाने के लिए तय नियम एवं शर्तों का अनुपालन करना भी सुनिश्चित करना होगा. डीसी आंजनेयुलू दोड्डे इस मामले को लेकर गंभीर है. उन्होंने सदर अनुमंडल पदाधिकारी को बगैर अनुमति के जुलूस निकालने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

सक्षम पदाधिकारी के लिखित अनुमति के बिना अब नहीं निकलेगा जुलूस

पलामू डीसी ने अनुमंडल पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बगैर सक्षम पदाधिकारी के अनुमति के बिना शहरी क्षेत्र में कोई भी जुलूस या धरना प्रदर्शन न हो. उन्होंने सदर एसडीओ को इसका उल्लंघन करने वाले लोगों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है. अब ऐसा समझा जा रहा है कि अगर नियम का उल्लंघन कर कोई डीजे बजाता है, तो उसपर कानूनी कार्रवाई होने के साथ-साथ सामान भी जब्त किया जाएगा.

रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर रोक

डीसी ने एसडीओ को अनुमंडल अंतर्गत रात 10 बजे के बाद सभी तरह के कार्यक्रमों में डीजे बजाने पर रोक लगाने के लिए निर्देशित किया है. डीसी ने इस संबंध में सभी डीजे एवं मैरेज हॉल संचालकों को इससे अवगत कराने की बात कही है. साथ ही एसडीओ को इसका उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में रात 10 बजे के बाद डीजे साउंड बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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इससे पहले रामनवमी के समय हो चुकी है कार्रवाई

इससे पहले मेदिनीनगर में तत्कालीन सदर एसडीओ नैंसी सहाय ने रामनवमी के समय कार्रवाई करते हुए ध्वनि प्रदूषण नियम का उल्लंघन करने के आरोप में कई डीजे सेट जब्त कर कार्रवाई की थी. उसके बाद कुछ समय तक शहर में डीजे पर रोक लगी थी, लेकिन उनके तबादला होने के बाद से फिर मनमाने ढंग से डीजे बजाया जा रहा है.

लगन के समय एवं रामनवमी तथा मुहर्रम के समय डीजे से परेशान होते लोग

डीजे की शोर से फिलहाल पूरा पलामू त्रस्त है. खासकर शादी विवाह में और रामनवमी तथा मुहर्रम के समय डीजे का शोर आतंक का पर्याय बन गया है. शादी में तो बाराती एक जगह ज्यादा देर नहीं रुकते हैं, तो कुछ राहत मिलती है, पर रामनवमी एवं मुहर्रम के जुलूस में एक साथ कई डीजे बजने से लोगों की जान आफत में पड़ जाती है. खासकर जिन इलाकों से जुलूस गुजरने के क्रम में घंटों एक जगह जमा रहते है उसके आसपास वाले इस ध्वनि प्रदूषण से काफी परेशान हो जाते हैं.

बुजुर्ग और बच्चों के लिए खतरनाक है डीजे

पलामू के रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ सत्यजीत गुप्ता ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि डीजे की शोर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. इससे उनके कान के परदे को तो हानि पहुंचती ही है उससे भी ज्यादा असर उनके दिल में पड़ता है. डीजे की शोर लगातार कुछ देर तक सुनते रहने से हार्ट बीट असंतुलित हो जा सकता है, जो बाद में जानलेवा साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग के दौरान तय किए गए मानकों का ध्यान देना चाहिए.

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इंसान ही नही जानवर और परिंदा के लिए भी जानलेवा है डीजे

आम तौर पर यही समझा जाता है कि डीजे की शोर इंसानों के लिए खतरनाक है पर वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ दयाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि डीजे की शोर इंसानों से ज्यादा जानवर पर असर करता है. परिंदों के लिए तो ये बेहद ही खतरनाक है. इसकी शोर से कई परिंदों की जान तक चली जाती है. उन्होंने कहा कि डीजे का बजाना कभी भी कोई सभ्य समाज को इंगित नहीं करता. इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए.

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