Babulal Marandi: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक बाबूलाल मरांडी को सोमवार को एक मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. जानकारी हो कि वे सोमवार को डालटनगंज व्यवहार न्यायालय के MP/MLA स्पेशल कोर्ट में पेश हुए थे. आचार संहिता के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी हाजिर हुए थे, जहां स्पेशल जज एमपी एमएलए सतीश कुमार मुंडा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई और उन्हें बरी कर दिया गया.
अतिक्रमण हटाने के विरोध से जुड़ा मामला
जानकारी हो कि इस संबंध में 28.4 .2011 को तत्कालीन अपर समाहर्ता मुकुल पांडे के द्वारा बाबूलाल मरांडी के विरुद्ध 144 सीआरपीसी के तहत उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए 188 सीआरपीसी की प्रक्रिया कायम करने का आवेदन दिया था. मामले के संबंध में आवेदन में कहा गया था कि दिनांक 11.04.2011 को पूरे अनुमंडल क्षेत्र में धारा 144 की गई थे. दिनांक 29.04. 2011 को बाबूलाल मरांडी, अध्यक्ष झारखंड विकास मोर्चा के द्वारा 144 धारा का उल्लंघन करते हुए साहित्य समाज चौक के मैदान में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था. आरोप था कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा आदेश के आलोक में अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई चल रही थी. जिसके अंतर्गत अतिक्रमित लोगों के लिए पुनर्वास एवं वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर बाबूलाल मरांडी के द्वारा साहित्य समाज चौक पर धरना प्रदर्शन के साथ अनशन पर बैठ गए थे.
Also Read: चतरा में मच्छरों का प्रकोप! दोपहर में सोकर नींद पूरी करने पर विवश हैं लोग, शोकेस में लाखों की मशीन”न्यायालय पर था पूरा भरोसा”
कोर्ट से निकलकर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था. ऐसे में बहुत दिनों से यह मामला चला आ रहा था इसलिए हमें भी फैसले का इंतजार था. साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि कोई अपराध हुआ ही नहीं था, तो इसमें सजा होने की बात ही नहीं थी. हमें पता था कि फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा. जानकारी हो कि, बीजेपी मंगलवार 11 अप्रैल को झारखंड सचिवालय का घेराव करने वाली है. ऐसे में इस मामले में फैसले की सभी को प्रतीक्षा थी. इस घेराव में राज्यभर से कई बड़े नेता शामिल होंगे, जिसमें बाबूलाल मरांडी भी शामिल है.