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कोयल में चैनल की खुदाई से भी पर्याप्त जलापूर्ति नहीं

पलामू की लाइफ लाइन उत्तरी कोयल नदी सूखने से प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में जल संकट गहरा गया है. गंभीर जल संकट झेल रहे मोहल्ले में स्थिति काफी भयावह हो गयी है

मेदिनीनगर. पलामू की लाइफ लाइन उत्तरी कोयल नदी सूखने से प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में जल संकट गहरा गया है. इसका सीधा असर शहर की जलापूर्ति योजना पर पड़ा है. पानी के अभाव में जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. पिछले चार दिनों से कोयल नदी में चैनल की खुदाई कर गुरुवार से जलापूर्ति बहाल की गयी. लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. गंभीर जल संकट झेल रहे मोहल्ले में स्थिति काफी भयावह हो गयी है. आबादगंज, छोटकी बैरिया, बड़की बैरिया, निमियां, पहाड़ी, बैंक कॉलोनी, कांदु मोहल्ला सहित अन्य ड्राइजोन इलाके के लोग पानी के जुगाड़ में रात-रात भर जागने को विवश हैं. हालांकि ज्यादातर प्रभावित इलाके में नगर निगम टैंकर से जल वितरण करा रहा है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. पानी की फिजूलखर्ची रोकें : जेइ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग व नगर निगम प्रशासन भी यह मान रहा है कि शहर में जल संकट गहरा गया और स्थिति बेकाबू होती जा रही है. पानी की कमी के कारण निगम एवं विभाग का सारा प्रयास विफल होता नजर आ रहा है. शुक्रवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता ददन राम ने बेलवाटिका स्थित पंपूकल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि कोयल नदी की यही स्थिति रही, तो शहर में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पायेगी. उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि स्थिति की नजाकत को समझें और पानी की फिजूलखर्ची पर रोक लगायें. अति आवश्यक कार्य में पानी का उपयोग करें. विदित हो कि शहरी जलापूर्ति योजना के साथ-साथ बारालोटा, शाहपुर, सुदना जलापूर्ति योजना भी कोयल नदी पर निर्भर है और पानी के बिना खुद प्यासी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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