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IAS बनना चाहती है पलामू की बिटिया जारा नूर, मुफलिसी बन रही बाधा, एसपी ने बढ़ाया हौसला, लगा रही मदद की गुहार

पलामू की बेटी जारा नूर का ख्वाब है कि वह यूपीएससी की परीक्षा में बैठे और उसमें सफल होकर एक आईएएस अधिकारी बने, पर संसाधन का घोर अभाव है. आर्थिक तंगी के कारण उसे परेशानी हो रही है. ऐसे में नूर परेशान है कि आखिर कैसे हों उसके ख्वाब पूरे. उसने मदद की गुहार लगायी है.

पलामू, सैकत चटर्जी. पलामू की बेटी है जारा नूर. चैनपुर ब्लॉक के शाहपुर मुहल्ले में रहती है. अपने घर में चार बहनों में सबसे छोटी. इससे छोटा एक भाई है. मुफलिसी में जीवन बसर करने वाला परिवार है, लेकिन सपने बड़े हैं और उस सपने को सच करने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रही है. अपने ख्वाबों की वजह से जारा नूर इन दिनों चर्चा में है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने आर्थिक मदद कर उसका हौसला बढ़ाया. उसने पलामू के लोगों से मदद की गुहार लगायी है.

बनना चाहती है आईएएस

पलामू की बेटी जारा नूर का ख्वाब है कि वह यूपीएससी की परीक्षा में बैठे और उसमें सफल होकर एक आईएएस अधिकारी बने, पर संसाधन का घोर अभाव है. आर्थिक तंगी के कारण उसे परेशानी हो रही है. ऐसे में नूर परेशान है कि आखिर कैसे हों उसके ख्वाब पूरे. उसने मदद की गुहार लगायी है.

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कड़ी मेहनत कर इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की

घर की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से नूर को इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी. कोचिंग नहीं कर पाने के कारण घर पर ही अधिक मेहनत से पढ़ाई कर उसने फर्स्ट डिविजन से परीक्षा पास की. इससे उसका हौसला बढ़ा और आगे यूपीएससी का सपना संजोए मेहनत करने लगी, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उसे अहसास हो गया कि सिर्फ घर पर कड़ी मेहनत कर यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करना मुश्किल है. फिर भी नूर हार नहीं मानी और यूपीएससी की तैयारी के लिए मदद मांग रही है. उसने प्रभात खबर से मदद की गुहार लगायी है.

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जब एसपी को लिखा था पत्र

जारा नूर उस समय सोशल मीडिया के जरिए चर्चा में आई, जब उसने पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा को एक मार्मिक पत्र लिखकर यूपीएससी की पढ़ाई में में मदद की गुहार लगाई. एसपी श्री सिन्हा ने फौरन इस पर संज्ञान लेते हुए नूर को अपने कार्यालय में बुलाया और निजी तौर पर 5000 रुपये का सहयोग दिया, ताकि इससे उसे किताब व अन्य जरूरी चीजें खरीदने में मदद मिल सके. एसपी ने नूर को उपायुक्त व अन्य कुछ लोगों से भी मिलने की सलाह दी. इसके बाद जब एसपी ने इस बात को साझा किया तो नूर चर्चा में आ गयी. नूर ने प्रभात खबर को बताया कि उसे जानकारी मिली थी कि पलामू एसपी हमेशा पढ़ाई में लोगों की मदद करते रहते हैं. इसीलिए उम्मीद के साथ उन्हें पत्र लिखी थी. आर्थिक मदद कर एसपी ने उसका हौसला बढ़ाया है.

आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार का मिला सहयोग

नूर बताती है उसके परिवार में शुरू से ही आर्थिक परेशानी रही, बावजूद इसके परिवार के सभी सदस्यों ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया. नूर ने कहा कि उसकी अम्मी और अब्बू के अलावा तीन बड़ी बहनें उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं. नूर से बड़ी तीनों बहनें हमेशा पढ़ाई के मामले में मदद करती हैं. जल्द से जल्द वह मदद के लिए पलामू के उपायुक्त से मिलकर अपनी बातों को रखेगी. पलामू के लोगों से भी मदद को लेकर काफी उम्मीदें हैं.

कार्यालयों में धक्के खाने पड़े तो ठान ली आईएएस बनने को

आईएएस बनने का सपना कैसे देखी, इस सवाल पर नूर ने प्रभात खबर को बताया कि पढ़ाई के दौरान कई काम से जब कुछ कार्यालय जाना पड़ता था तो लोग काफी दौड़ाते थे. एक काम के लिए कई बार चक्कर लगाने पड़ते थे. खास कर बैंक में काम कराने में काफी मुश्किल होती थी. उसने कहा कि सिर्फ खुद का ही नहीं हमेशा यह पाती थी कि कार्यालयों में ऐसा बर्ताव लगभग सभी आम लोगों के साथ किया जाता है. इसी दौरान उसने ठान लिया कि एक अच्छा आईएएस बनकर ऐसी व्यवस्था को दुरुस्त कर आम लोगों को राहत दिलाने का काम करेगी. वह बताती है कि यूपीएससी क्रैक करना काफी मुश्किल है, पर उसे अपने आप पर भरोसा है.

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