प्रतिनिधि, गोला
गोला का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोगों के लिए वरदान है, लेकिन यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल में अधिक शुल्क देकर जांच करानी पड़ती है. उन्हें आने-जाने में भी परेशानी होती है. अधिक पैसे भी खर्च होते हैं. अगर यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध हो, तो महिलाओं को सरकारी योजनाओं सहित अन्य लाभ मिलेगा. मिली जानकारी के अनुसार, इस अस्पताल में प्रतिमाह लगभग 300 गर्भवती महिलाएं जांच कराने के लिए आती हैं. यहां प्रतिमाह 100 से अधिक गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी होता है. पूर्व में यहां पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मंगायी गयी थी. टेक्नीशियन नहीं होने के कारण उसे शुरू नहीं किया गया. बाद में सरकार ने पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन पर रोक लगा दी. इसके बाद मशीन को वापस कर दिया गया. इसके बाद से यहां अल्ट्रासाउंड की मशीन नहीं मिली. मार्च में 322 गर्भवती महिलाओं ने जांच करायी. अप्रैल में 255 एवं मई में 249 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई. मार्च में 158 महिलाओं का सीएचसी में प्रसव कराया गया. उप स्वास्थ्य केंद्र में अप्रैल में 144 एवं उप स्वास्थ्य केंद्र में 160, मई में 132 एवं उप स्वास्थ्य केंद्र में 19 महिलाओं की प्रसव हुई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गोला में अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने से गर्भवती महिलाओं को 350 रुपये से 400 रुपये में जांच हो जाती. उन्हें प्राइवेट अस्पताल में जांच कराने पर 850-1000 तक देना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि सरकारी अस्पताल में जांच एवं प्रसव की सुविधा है, लेकिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं रहने से हमलोगों को काफी परेशानी होती है. महिलाओं ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा बहाल कराने की मांग की.
क्या कहते हैं प्रखंड चिकित्सा प्रभारी : प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि यहां 30 बेड का अस्पताल है. अल्ट्रासाउंड को छोड़ कर लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि डिजिटल एक्स-रे मशीन लगायी गयी है. इसे बहुत जल्द शुरू किया जायेगा. सीबीसी एनालाइजर शुरू कराया जायेगा. इसमें लोगों के कई प्रकार की जांच होगी. उन्होंने बताया कि यहां पावर की समस्या है. इस संबंध में उच्चाकारियों को कहा गया है. चहारदीवारी एक छोर पर टूटी हुई है. अस्पताल में मेन गेट के पास मुर्गा दुकान सहित और अन्य दुकानें लगायी जा रही है. इसे हटाने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक उन्हें नहीं हटाया गया है.
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