रामगढ़ : ईडी के राडार पर आये कांके के अंचलाधिकारी जयकुमार राम जमीन लूट मामलों के कारण मांडू अंचल में भी खासा चर्चा में रहे. कांके अंचल कार्यालय में पोस्टिंग से पहले वह मांडू अंचल कार्यालय में दो वर्षों से अधिक समय तक रहे. इस दौरान उनकी मिलीभगत से सीसीएल, गैरमजरूआ व रैयती जमीन की लूट बड़े पैमाने पर हुई थी. कुजू के पुराने जीएम कार्यालय की जमीन भी दूसरे के नाम कर दी गयी है. उनके कार्यकाल में हुई जमीन लूट की जांच की मांग उठने लगी है. लोगों का कहना है कि जांच होगी, तो मांडू अंचल में जमीन लूट का बड़ा घोटाला सामने आ सकता है.
अपने कार्यकाल के दौरान बने हुए थे भू-माफियाओं के चहेते
कांके अंचलाधिकारी जयकुमार राम ने मांडू अंचल में 19 मार्च 2021 को योगदान दिया था. यहां से उनका तबादला 18 सितंबर 2023 को हुआ था. इस दौरान वह कई भू-माफियाओं के चहेते बने रहे. मांडू अंचल में दो वर्षों के कार्यकाल में जयकुमार राम ने जमीन लूट का रिकॉर्ड बनाया. वह बिचौलियों के इशारे पर ही हर कार्य करते थे. उनके समय अंचल कार्यालय में म्यूटेशन से लेकर हर कार्य के लिए तीन गुना राशि बढ़ा दी गयी. जो पैसा देता था, उसका ही काम होता था. इसके कई उदाहरण है. डटमा मोड़ कुजू का खाता नंबर 110, प्लॉट नंबर 1699 में 1.41 एकड़ जमीन सीसीएल की है. मांडू अंचल के निवर्तमान सीओ जयकुमार राम की मिलीभगत से सीसीएल की यह जमीन कई लोगों के नाम कर दी गयी है. जमीन का दाखिल खारिज कर राजस्व रसीद भी निर्गत कर दिया गया है.
निवर्तमान सीएमडी ने रामगढ़ पुलिस पदाधिकारियों को पत्र दिया था :
इस संबंध में सीसीएल के निवर्तमान सीएमडी ने रामगढ़ पुलिस पदाधिकारियों को पत्र दिया था, लेकिन इस पर पुलिस ने कोई भी कदम नहीं उठाया. यह मामला न्यायालय में चल रहा है. मांडू अंचल की बुमरी पंचायत में कई रैयतों की नौ एकड़ से अधिक जमीन निवर्तमान अंचलाधिकारी की मिलीभगत से हेराफेरी की गयी है. इसका खाता नंबर 18 व 14 तथा प्लॉट नंबर 157, 158 व 128 है. निवर्तमान अंचलाधिकारी के कारनामों से नाराज होकर रैयतों ने बैठक कर विरोध जताया था. रामगढ़ की निवर्तमान उपायुक्त माधवी मिश्रा ने जांच का आदेश दिया था. बाद में मामला को दबा दिया गया.
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