प्रतिनिधि, मांडू कृषि विज्ञान केंद्र, मांडू में समेकित कृषि प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ केंद्र के प्रधान डॉक्टर सुधांशु शेखर ने किया. केंद्र के प्रधान डॉ सुधांशु शेखर ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से किसान मुख्य फसलों के साथ-साथ मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, सब्जी-फल व मशरूम की खेती एक साथ एक ही जमीन पर कर सकते हैं. समेकित कृषि प्रणाली में प्रकृति को बचाते हुए खेती के लिए उपलब्ध इंटरप्राइजेज का उपयोग किया जाता है. इसमें सभी इंटरप्राइजेज से अधिकतम लाभ कमाया जाता है. भूमि चावल अनुसंधान केंद्र, हजारीबाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ शिव मंगल प्रसाद ने किसानों को चावल आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया. उन्होंने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली के इंटरप्राइजेज जैसे कृषि उद्यानिकी, वानिकी मशरूम फार्मिंग बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, सूअर पालन, बत्तख पालन, डेयरी पालन से प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब से समायोजित करना है. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के सह प्राध्यापक डॉ आरआर सिन्हा ने किसानों को समेकित कृषि प्रणाली में उत्पादन बढ़ाने और लाभ को अधिकतम करने के लिए मुर्गीपालन एकीकरण के बारे बताया. केंद्र के वैज्ञानिक डॉ इंद्रजीत ने किसानों को विविधता के बारे में बतलाया. सनी कुमार ने वर्मी खाद बनाने की विधि एवं उसके बारे में जानकारी दी. मौके पर वैज्ञानिक डॉ धर्मजीत खेरवार, शशिकांत चौबे, रौशन कुमार, राजकुमार राम, संजय राम, सुनीता देवी, मनीषा कुमारी, बेबी देवी, लक्ष्मी देवी मौजूद थे.
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