18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रामगढ़: मस्जिद कॉलोनी में निकाह पढ़ाने दूसरे अंजुमन से बुलाये गये मौलाना

सलाउद्दीन का कहना था कि मौजूदा अंजुमन ने बाहर से आनेवाले मौलाना को रोकने का प्रयास भी किया था, जो गलत है. किसी की भी बेटी की शादी में इस तरह की अड़चन नहीं डालनी चाहिए.

भुरकुंडा : रामगढ़ जिले के भुरकुंडा के मुस्लिमों द्वारा मस्जिद कॉलोनी के लोगों से नाता तोड़ने के बाद मामला और तूल पकड़ने लगा है. मस्जिद कॉलोनी में एक फरवरी को शादी समारोह था. इसमें अंजुमन के फैसले के अनुसार पांच जोन के लोगों ने शामिल नहीं होने का फैसला लिया था. मस्जिद कॉलोनी में दूसरे अंजुमन से मौलाना को बुला कर निकाह पढ़ाया गया. इधर, मामले के पटाक्षेप के लिए दोनों पक्षों में से किसी भी ओर से कोई पहल नहीं हो सकी थी, जिससे विवाद यथावत है. अगले कुछ दिन में क्षेत्र में कई और शादियां होनेवाली हैं. ऐसे में नाता टूटे रहने से शादियों की रौनक फीकी पड़ेगी. एक-दूसरे कॉलोनी में प्रस्तावित शादी की बातचीत में भी खलल पड़ सकती है.

यदि विवाद जल्द नहीं थमा, तो निकाह की मजबूरी समानांतर अंजुमन का गठन करा सकती है. इस मामले पर मस्जिद कॉलोनी के सदर सलाउद्दीन व सदस्य सफदर से अलग-अलग बातचीत की गयी. सलाउद्दीन का कहना था कि मौजूदा अंजुमन ने बाहर से आनेवाले मौलाना को रोकने का प्रयास भी किया था, जो गलत है. किसी की भी बेटी की शादी में इस तरह की अड़चन नहीं डालनी चाहिए. हमारे बीच मतभेद है, मनभेद नहीं है. आज नहीं तो कल एक होंगे ही. सफदर ने कहा कि बाहर से मौलाना बुलाना हमारी मजबूरी है. यदि मामला नहीं सुलझता है, तो समानांतर अंजुमन गठन भी हमारी उसी मजबूरी का हिस्सा होगा. इस मामले में मस्जिद कॉलोनी के स्टैंड के बाबत उन्होंने कहा कि यदि सुलह के लिए अंजुमन दो कदम चलेगी, तो हमलोग भी दो कदम चलने को तैयार हैं.

Also Read: रामगढ़ में नलकारी नदी के तट पर आज होगी गंगा आरती, तैयारी जोरों पर
हम चार कदम चलने को तैयार हैं : सदर

अंजुमन के सदर मो हलीम ने कहा कि निकाह के लिए मौलाना को रोकने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है. मस्जिद कॉलोनी के कुछ चुनिंदा लोग इस तरह की अफवाह फैला कर आपसी सौहार्द्र कायम नहीं होने देना चाहते हैं. ऐसे मौकापरस्त लोगों से सबको सावधान रहना चाहिए. रही बात सुलह की, तो यदि मस्जिद कॉलोनी के लोग दो कदम बढ़ेंगे, तो अंजुमन चार कदम आगे बढ़ने को तैयार है. पूर्व में भी काफी प्रयास किया जा चुका है. जामा मस्जिद के इमाम व मुअज्जिन का खाना बंद होने के बाद अंजुमन के लोगों ने मस्जिद कॉलोनी में घर-घर घूम कर खाना चालू करने का आग्रह किया, लेकिन वही चुनिंदा लोग मामले को खत्म नहीं होने दे रहे हैं.

सात महीने पहले शुरू हुआ था विवाद : 

विवाद की नींव करीब सात महीने पहले पड़ी थी, जब नयी अंजुमन का चुनाव हुआ था. उस चुनाव में पांच जोन के लोग शामिल हुए थे, लेकिन मस्जिद कॉलोनी के लोग शामिल नहीं हुए थे. दरअसल, चुनाव के लिए तय प्रक्रिया के तहत पांच-पांच नाम सभी छह जोन से आये थे. मस्जिद कॉलोनी से आये एक-दो नाम पर चुनाव समिति को आपत्ति थी, जिसे दुरुस्त कर फिर से नाम मांगा गया था. लेकिन मस्जिद कॉलोनी के लोग नया नाम देने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद पांच जोन के लोगों ने तय तारीख पर अंजुमन का चुनाव कर दिया. इसके बाद मामला थाना पहुंचा. उस समय मामले को सुलझाने के लिए दो साल के लिए बनी कमेटी का कार्यकाल छह माह निर्धारित कर दिया गया. इसकी मियाद 23 दिसंबर को पूरी हो गयी. मियाद पूरी होने से पहले अंजुमन ने नया चुनाव के लिए 13 दिसंबर को बैठक बुलायी. इसमें सभी छह जोन के प्रतिनिधि शामिल हुए. सर्वसम्मति से चुनाव की पूरी प्रक्रिया तय हुई. इसके दो-तीन दिनों बाद मस्जिद कॉलोनी के लोगों ने चुनाव प्रक्रिया को बदलने की मांग की. पुन: मामले को लेकर बैठक हुई, लेकिन नया प्रस्ताव बहुमत से खारिज हो गया. इसके बाद से विवाद बढ़ता चला गया, जो इमाम का खाना बंद होने के बाद भड़क गया. बहरहाल, दोनों पक्षों की बात से यह लग रहा है कि लोग मामले को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन अपनी ओर से पहल करने को कोई तैयार नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें