प्रतिनिधि, रजरप्पा
सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट के रिजेक्ट यार्ड के समीप स्थित कांटा घर रविवार को तीसरे दिन भी बंद रहा. पूरे क्षेत्र में कांटा घर से जब्त चिप, हार्ड डिस्क व सीसीटीवी फुटेज की चर्चा होते रही. उधर, कांटा घर बंद रहने से दर्जनों डीओ धारक, लिफ्टर के अलावा लगभग 636 मजदूर काम के अभाव में बैठे रहे. कई डीओधारकों ने बताया कि हमलोगों ने सैकड़ों टन डीओ लगाया है. इसमें एक सप्ताह का समय पूरा हो गया है. अब कांटा घर भी बंद हो गया है. इसके कारण कोयला उठाव में काफी परेशानी हो रही है. कोयला उठाव के लिए सीसीएल महज 45 दिन का ही समय देता है. अगर इस अवधि में कोयला नहीं उठा, तो प्रति टन 150 रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. गौरतलब हो कि नौ अगस्त को सीसीएल निगरानी विभाग की टीम रजरप्पा कांटा घर पहुंच कर कई महत्वपूर्ण सामग्री जब्त कर अपने साथ ले गयी थी. कांटा घर से कार्य बंद रखने का निर्देश दिया है. चर्चा है कि चिप के माध्यम से कोयले की हेराफेरी की जाती थी. हालांकि, अभी निगरानी विभाग के अधिकारियों ने इस मामले का खुलासा नहीं किया है.
साजिश में कई अधिकारी हैं शामिल : चंदेश्वर सिंह : कोल्फील्ड मजदूर यूनियन के सहायक महामंत्री चंदेश्वर सिंह ने कहा है कि निगरानी विभाग द्वारा कांटा घर से जब्त सामग्री के मामले में परियोजना पदाधिकारी, खान प्रबंधक, कोल डिपो इंचार्ज शामिल हो सकते हैं. यह कोयले का बड़ा स्कैंडल लग रहा है. उन्होंने निगरानी विभाग के अधिकारियों से इस मामले की उचित जांच कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने इस मामले की जांच निगरानी विभाग के साथ-साथ सीबीआइ से भी कराने की मांग की है.
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