कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर हौसले बुलंद हो, तो कोई कार्य कठिन नहीं होता. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है करमा बरमसिया निवासी 30 वर्षीय नागेश्वर महतो उर्फ चंदू ने. उसने अपनी मेहनत व लगन से वर्षों से परती पड़ी जमीन को उपजाऊ लायक बनाया. उक्त जमीन पर वह पिछले दो सालों से खेती कर रहा है. फिलहाल करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन पर तरबूज की खेती लगी हुई है.
चंदू को साढ़े तीन एकड़ भूमि में खेती करने के लिए करीब चार लाख की लागत आई है. खेत में उसने यूनिसेम कंपनी का काजल व सागर किंग का टोकिटा वैरायटी का तरबूज बीज लगाया है. पटवन का कार्य वह करीब ढाई सौ से तीन सौ मीटर की दूरी से गुजरी नदी के सहारे कर रहा है. इसमें उसे काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बता दें कि वह जहां खेती कर रहा है, ठीक उसके बगल से बिजली की तार भी है. ऐसे में अगर कृषि विभाग चंदू को एग्रीकल्चर के लिए बिजली और पानी की व्यवस्था करें तो वह एक सफल किसान बन सकता है.
बरमसिया निवासी भाजपा नेता डॉ हरिशंकर बिहारी वगैरह से चंदू ने 6 हजार प्रति एकड़ की दर से 8 एकड़ भूमि लीज पर ले रखी है. वह एमए तक की पढ़ाई भी की है, पर उसने नौकरी करने के बजाए खेती को ही अपना कैरियर चुना. चंदु बताता है कि शिक्षा लेकर नौकरी करना ही रोजगार नहीं है. खेती-बारी से भी हम रोजगार का सृजन कर सकते हैं, तथा आत्म निर्भर बन सकते हैं. युवा वर्ग को नौकरी के लिए तो कोशिश करना ही चाहिए, अगर नौकरी प्राप्त नहीं हो तो रोजगार के लिए कई अवसर है. जिससे वे आत्म निर्भर हो सकते हैं.
चंदू जहां पर खेती कर रहा है उसी जमीन पर 70 आम के पेड़ भी लगे हुए हैं. इस बार सभी आम के पेड़ों में आम के टिकोरें लगे हैं. अगर मौसम ने साथ दिया तो खेती के अलावे आम के पेड़ों से भी अच्छा मुनाफा हो सकता है.
Posted By : Sameer Oraon