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आखिरी सांस तक सलाखों के पीछे रहेंगे लॉ की छात्रा से गैंगरेप के 11 अभियुक्त

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्तों को उनकी अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनायी है. अभियुक्तों में सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव शामिल हैं.

रांची : लॉ की छात्रा के साथ कांके के संग्रामपुर में 26 नवंबर 2019 को हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया. इस मामले के सभी 11 अभियुक्तों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्तों को उनकी अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनायी है. अभियुक्तों में सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव शामिल हैं. प्रत्येक अभियुक्त 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.

अदालत ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है. जुर्माना नहीं देने पर अभियुक्तों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सोमवार दोपहर 1:29 बजे जज बैठे और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 1:44 बजे अदालत ने सजा सुना दी. यानी सजा के बिंदु पर सुनवाई और फैसला आने में महज 15 मिनट लगे. सजा सुनाये जाने के बाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.

अदालत ने अभियुक्तों को सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376 डी में अंतिम सांस तक कारावास, अपहरण की धारा में 10 साल, पीड़िता के दोस्त के पकड़ने व मारपीट के मामले में एक-एक साल और पीड़िता का मोबाइल फोन चाेरी के व धारा 411 के मामले में तीन-तीन साल की सजा सुनायी है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

बचाव पक्ष ने अभियुक्तों की कम उम्र का हवाला दिया : अदालत की कार्यवाही शुरू होते ही बचाव पक्ष के वकील एमसी दास, ईश्वर दयाल और विनोद सिंह ने अदालत से गुजारिश की कि अधिकतर अभियुक्तों की उम्र 20 साल से कम है. सभी छात्र हैं और इनकी कोई अापराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. इसे देखते हुए इन्हें कम से कम 20 साल की सजा दी जाये. इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने अपनी दलील दी. उन्होंने अदालत से कहा कि अभियुक्तों ने जघन्य अपराध किया है, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक सजा दी जाये.

इस दौरान पीड़िता(सूचक) के अधिवक्ता अरविंद लाल ने कहा कि सभी 11 अभियुक्तों ने जघन्य अपराध किया है. यदि फांसी से बढ़ कर भी कोई सजा है, तो वह इन्हें दी जाये, ताकि समाज में एक संदेश जाये और दूसरे लोग इस प्रकार का अपराध करने से पहले सौ बार सोचें. इस दौरान अदालत में डीजीपी केएन चौबे, डीआइजी एवी होमकर, एसएसपी अनीश गुप्ता, ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा सहित काफी संख्या अधिवक्ता उपस्थित थे.

पीड़िता के वकील ने अदालत से की गुजारिश : फांसी से बड़ी काेई सजा हो, तो वह दी जाये

बचाव पक्ष के वकील ने कहा : फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे

यह है मामला

कांके के संग्राम पुर में लॉ की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना 26 नवंबर 2019 को हुई थी. शाम 5:30 बजे संग्रामपुर बस स्टॉप के समीप लाॅ की छात्रा अपने पुरुष मित्र के साथ बैठी हुई थी. उसी समय सभी अभियुक्त वहां पहुंचे और पुरुष मित्र के साथ मारपीट कर छात्रा को अपने साथ ले गये. ईंट भट्ठा की ओर सुनसान स्थान पर ले जाकर अभियुक्तों ने छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले में एक नाबालिग सहित 12 अभियुक्त हैं. घटना के दूसरे दिन ही सभी अभियुक्तों को कांके पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

कुछ दिन बाद ही उच्च न्यायालय ने मामले में संज्ञान लेकर स्पीडी ट्रॉयल का आदेश दिया था. उसके बाद से की इस मामले में हर दिन मामले सुनवाई चल रही थी. इस मामले में अभियोजन की ओर से आइओ सहित 21 गवाही दर्ज करायी गयी है. मामले में संलिप्त एक नाबालिग की सुनवाई जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रही है.

घटनाक्रम

47 दिन तक चली मामले की सुनवाई

99:30 घंटे अदालती कार्यवाही

26 नवंबर 19 गैंगरेप की घटना हुई थी

27 नवंबर प्राथमिकी, सभी आरोपी गिरफ्तार

28 नवंबर मीडिया के सामने पेश

29 नवंबर सभी को जेल भेजा गया

20 दिसंबर चार्जशीट दायर किया गया

06 जनवरी 2020 को चार्जफ्रेम किया गया

07 जनवरी गवाही की प्रक्रिया शुरू

24 फरवरी 21 गवाहों की गवाही पूरी

26 फरवरी 11 अभियुक्त दोषी करार

02 मार्च सभी अभियुक्तों को उम्रकैद

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