रांची : कोरोना वायरस की चपेट में झारखंड के 15 लोग आ चुके हैं, जिसमें एक की मृत्यु हो चुकी है. कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को काबू में पाना बेहद जरुरी हो गया है. राज्य में कम जांच होने पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं.
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी रिम्स में डायलिसीस के तकनीशीयन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. रिम्स के निदेशक डॉ डी के सिंह ने बताया कि अस्पताल में केवल 1 डायलिसिस तकनीशियन है, और 2 गर्भावस्था के कारण छुट्टी पर हैं. वेंटिलेटर पर जाने वाले मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है. उन्होंने इस से संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे को हल करने का अनुरोध किया है.
Ranchi's Rajendra Institute of Medical Sciences has only 1 dialysis technician,as 2 are on leave due to advanced stages of pregnancy. Patients who go on ventilators may require dialysis. I've requested concerned authorities to resolve the issue: RIMS Director,Dr DK Singh #COVID19 https://t.co/F3RzA1p6BA pic.twitter.com/uBzVgSb1gq
— ANI (@ANI) April 10, 2020
केंद्र से लगातार जांच किट मांगी जा रही है. हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार को निर्देशित किया है कि राज्य को जरूरत के हिसाब से वेंटिलेटर, जांच किट और पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट सहित अन्य जरूरी स्वास्थ्य उपकरण मुहैया करवाएं. मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलकर भी इसकी गुहार लगा चुके हैं. इस बीच राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से पांच हजार जांच किट मंगवाई हैं. उम्मीद है जल्द ही जांच की संख्या बढ़ाई जा सकेगी. यह जरूरी भी है, क्योंकि राज्य में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से मजदूर भी इस बीच आए हैं. ये सभी गांवों में चले गए हैं.
झारखंड में तीन दिन से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार (10 अप्रैल, 2020) को सर्वदलीय बैठक की. बैठक में उन्होंने सभी दलों के नेताओं से पूछा कि इस संकट से उबरने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए. उन्होंने सरकार की तैयारी से भी सभी दलों के नेताओं को अवगत कराया. वह राज्य के सांसदों और विधायकों के साथ भी बैठक करेंगे. बैठक में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई. इस दौरान लॉकडाउन को आगे बढ़ाने पर भी विचार की गई. संकट की इस घड़ी में सरकार एक साथ कई मोर्चे पर काम कर रही है. एक ओर लोगों को स्वस्थ रखने के लिए पूरे शहर को सैनिटाइज किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ लोगों का हक मारने वाले जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए भी सरकार और उसके तंत्र को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.