रांची : राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 129 हो गयी है. सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 44 लोगों की मौत हुई है. वहीं रिम्स, रांची में 25, धनबाद में 14 व हजारीबाग में 11 की मौत हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि मरनेवालों में ज्यादातर वैसी मरीज हैं, जिन्हें निजी अस्पतालों से गंभीर अवस्था में सरकारी अस्पताल रेफर किया गया था. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में बुधवार सुबह तक कोरोना से 25 मौत हुई है. इनमें से 12 निजी अस्पतालों से गंभीर अवस्था में भेजे गये संक्रमित शामिल हैं.
रिम्स के कोविड आइसीयू से मिली जानकारी के अनुसार, निजी अस्पतालों से रेफर किये गये कोरोना संक्रमित मरीज 24 से 48 घंटे ही जीवित रह पाते हैं. उनको बचाने का काफी प्रयास किया जाता है, लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उनकी मौत हो जाती है. निजी अस्पताल अगर सही समय पर मरीज को भेज दें, तो उनकी जान बचायी जा सकती है.
इधर, उक्त चारों जिले में मेडिकल कॉलेज भी हैं, जहां एक्सपर्ट डॉक्टर, नर्स व पारा मेडिकल की टीम है. साथ ही जीवन रक्षक उपकरण भी हैं, फिर भी मौतें हो रही हैं. इस मामले में मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में एक्सपर्ट भी हैं और उपकरण भी हैं, लेकिन मरीजों की मौत का मुख्य कारण अस्पताल में गंभीर अवस्था में कोरोना संक्रमित मरीजों का भर्ती होना है.
राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते रिम्स के आइसीयू में निजी अस्पतालों से गंभीर अवस्था से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. रिम्स में 25 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है, जिसमें 12 निजी अस्पतालों से गंभीर अवस्था में रेफर किये गये संक्रमित थे. अगर मरीजों को समय रहते रेफर कर दिया जाये, तो उन्हें बचाने में दिक्कत नहीं होगी.
posted by : sameer oraon