रांची (वरीय संवाददाता). मलयेशिया में पिछले एक साल से 61 मजदूर फंसे हुए हैं, इसमें 52 मजदूर झारखंड के हैं. ये 52 मजदूर अब20 दिसंबर को झारखंड लौटेंगे. सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पहल पर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो रही है. फिलहाल ये प्रवासी मजदूर कुआलालंपुर स्थित भारतीय दूतावास पहुंच गये हैं. यह सभी मजदूर जुलाई 2023 से मलयेशिया में फंसे हुए थे. वर्तमान में यह मजदूर मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर स्थित भारतीय दूतावास में शरण लिये हुए हैं. सांसद श्री चौधरी ने मलयेशिया में फंसे इन मजदूरों का मामला आज संसद में उठाया. इस पर भारत सरकार की ओर से उन्हें यह अवगत कराया गया कि सभी मजदूरों को भारतीय दूतावास में रखा गया है. कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इसके बाद तय तिथि पर इन मजदूरों को देश वापस लाया जायेगा. सांसद श्री चौधरी इन मजदूरों की देश वापसी को लेकर पिछले कई मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर व उनसे मिलकर और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क करके पूरी जानकारी दी थी. इनमें बगोदर (गिरिडीह) के सात, गोमिया (बोकारो) के 18, टाटीझरिया (हजारीबाग) के 27 व विष्णुगढ़ के 11 मजदूर फंसे हुए थे. बाकी मजदूर ओडिशा, उत्तर प्रदेश व तेलांगना के हैं. उधर, मलयेशिया में फंसे गोमिया प्रखंड अंतर्गत छोटकी सीधावारा के रहने वाले गणेश कुमार महतो ने बताया कि जब से वह लोग यहां आये हैं, तब से ही उन पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. स्थिति यह रही कि वेतन तो मिलना दूर भोजन के भी लाले पड़ गये. इलाज के लिए भी तरसना पड़ा है.
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