Jharkhand News: अफ्रीकी देश माली में झारखंड के 33 श्रमिक फंस गये थे. कंपनी वालों ने वेतन का भुगतान बंद कर दिया था. बड़ी मुश्किल से इनमें से 7 लोग शनिवार को अपने वतन लौट आये. अच्छी खबर यह है कि कंपनी वालों को इस बात के लिए मजबूर किया गया है कि वे इन श्रमिकों की पारिश्रमिक का भुगतान भी करें.
पश्चिमी अफ्रीका के माली में फंसे सभी 33 श्रमिक गिरिडीह और हजारीबाग के हैं. इनमें से जिन 7 लोगों की भारत वापसी हो गयी है, उनके नाम दिलीप कुमार, छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इंद्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो और इंद्रदेव प्रसाद हैं. श्रमिकों का दूसरा जत्था रविवार को माली से रवाना हो सकता है. झारखंड सरकार ने इसकी जानकारी दी है.
माली में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों ने जनवरी 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और श्रम मंत्री को अवगत कराया था. मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे सभी वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में काम कर हैं. ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है और खुद भारत वापस लौट गया है.
श्रमिकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा था कि तीन महीने से ज्यादा हो गये, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया. उनके पास सिर्फ दो दिन का खाना ही बचा है. मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का आदेश दिया. इसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी के कंट्री हेड एवं मैनेजर से संपर्क कर उन्हें श्रमिकों की समस्या से अवगत कराया. साथ ही उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था और वेतन का भुगतान करने को कहा गया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया. उसे घटना के बारे में पूरी जानकारी दी गयी. दूतावास ने कंपनी, ठेकेदार एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय में बातचीत के लिए बुलाया. इसके बाद तीनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये. इसके बाद श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई. उम्मीद की जा रही है कि शेष 26 लोग भी जल्द अपने घर पहुंच जायेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha