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झारखंड : प्राइवेट सेक्टर में 75% स्थानीय लोगों को मिलेगी नौकरी, बोले श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता

रांची में नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियोजन नियमावली 2022 पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने निजी क्षेत्रों में 75% नौकरी स्थानीय को देने की नीति का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया. कहा कि स्थानीय लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.

Jharkhand News: राजधानी रांची में झारखंड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियोजन नियमावली 2022 विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस कार्यशाला में शिरकत करते हुए राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय को देने की नीति का अब सख्ती से पालन होगा. इस मौके पर कई युवक/युवतियों को श्रम मंत्री ने नियुक्ति-पत्र भी सौंपा.

निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता

श्रम मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. इसी के तहत सरकार ने निजी क्षेत्र के उद्यमों में स्थानीय लोगों के लिए नियोजन अधिनियम, 2021 एवं नियोजन नियमावली, 2022 का प्रावधान किया है. इसका उद्देश्य झारखंड के विकास में कदमताल मिला रहे निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है.

निजी कंपनियां सही तरीके से नियमावली का करे पालन

उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि अधिनियम के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो. उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा कि झारखंड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियोजन नियमावली 2022 के तहत 10 लोगों से अधिक को रोजगार देने वालों को निबंधन कराना है. कहा कि कंपनियां सही तरीके से नियमावली का पालन करें. कंपनियों के सामने अगर कोई समस्या आ रही है, तो उसे दूर किया जायेगा. सभी जगह इसका प्रचार-प्रसार किया जायेगा.

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40,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाले सभी कर्मियों का निबंधन अनिवार्य

कार्यशाला में श्रम सचिव राजेश कुमार शर्मा ने अधिनियम एवं नियमावली के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि सभी नियोक्ता, जिनके अंतर्गत 10 या 10 से अधिक कर्मी कार्यरत हैं, उन्हें नियोजनालयों में अनिवार्य रूप से निबंधन कराना है. साथ ही 40,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाले सभी कर्मियों का निबंधन भी संबंधित नियोजनालयों में कराना है. कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से अधिनियम व नियमावली के विभिन्न प्रावधानों से नियोजकों को अवगत कराया गया. इस कार्यशाला में श्रमायुक्त सह निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण, संयुक्त सचिव, विशेष सचिव एवं श्रम विभाग के विभागीय पदाधिकारी सहित राज्य के विभिन्न प्रतिष्ठानों, श्रम संघों एवं उपक्रमों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.

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