रांची (संवाददाता). एक्सआइएसएस रांची में मंगलवार को डॉ कुमार सुरेश सिंह की 91वीं जयंती मनायी गयी. संस्था के वैन डेन बोगर्ट मेमोरियल ऑडिटोरियम में इस अवसर पर द्वितीय डॉ कुमार सुरेश सिंह मेमोरियल लेक्चर का संचालन हुआ. सत्र की अध्यक्षता डॉ कुमार सुरेश सिंह ट्राइबल रिसोर्स सेंटर ने की. मुख्य वक्ता दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रो नंदिनी सुंदर ने डॉ केएस सिंह की विरासत पर चर्चा की. बताया कि डॉ सुरेश आदिवासी समुदायों में गहरी रुचि रखते थे. उन्होंने पीपुल ऑफ इंडिया प्रोजेक्ट के दौरान आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा पर अपना ध्यान केंद्रित किया, जो अपनी उच्च शिक्षा के बावजूद आदिवासी अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित रहे. इसके अलावा जहां-जहां कार्यरत रहे उन इलाके के आदिवासी समाज के उत्थान और विकास का प्रयास किया. डॉ सुरेश के काम की जानकारी लेने के लिए लोग संस्था के ट्राइबल रिसोर्स सेंटर से जुड़ सकते हैं. जहां लगभग 3500 किताबें, 400 से अधिक हस्तलिपियां, जिनमें बिरसा मुंडा, भारत में जनजातीय आंदोलन, भारतीय जनजातीय समाज समेत अन्य विषयों पर डॉ कुमार सुरेश सिंह के हस्तलिखित और नोट्स उपलब्ध हैं. संस्था के निदेशक डॉ जोसेफ मरियानूस कुजूर एसजे ने बताया कि डॉ कुमार सुरेश सिंह ट्राइबल रिसोर्स सेंटर को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इससे दुनिया भर से लोग जो आदिवासी समाज और उनके विषयों पर रुचि रखते हैं, जुड़ सकेंगे. बताया कि डॉ सुरेश ने झारखंड में आदिवासी पहचान और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को समझने के साथ-साथ उन्हें सही दिशा देने का काम किया. उन्होंने आदिवासी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, विस्थापन और शोषण का विरोध करते हुए भूमि और प्राकृतिक संसाधनों पर आदिवासी समुदायों के अधिकार, वन अधिकार अधिनियम समेत आदिवासी उप-योजना पर काम किया. इस अवसर पर एक्सआइएसएस गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन फादर अजीत खेस, सहायक निदेशक डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे, डीन अकादमिक डॉ अमर एरॉन तिग्गा समेत अन्य मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है