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रांची के इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी के साथ एक दिन

रांची संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी यशस्विनी सहाय चुनाव प्रचार में पसीना बहा रही हैं. सुबह से ही अपनी टीम के साथ यशस्विनी निकल जाती हैं, महिलाओं से सीधा संवाद करती हैं.

रांची. रांची संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी यशस्विनी सहाय चुनाव प्रचार में पसीना बहा रही हैं. सुबह से ही अपनी टीम के साथ यशस्विनी निकल जाती हैं, महिलाओं से सीधा संवाद करती हैं. कांग्रेस के गांरटी कार्ड के बारे में लोगों को विस्तार से बताती है. तेज गर्मी में भी जनसंपर्क और पदयात्रा का कार्यक्रम पूरे परवान पर है. बुधवार को प्रत्याशी यशस्विनी सहाय का प्रचार कार्यक्रम बूटी मोड़ से कोनकी तक चला, रोजाना की तरह यशस्विनी सुबह करीब सात बजे प्रचार के लिए घर से निकलीं. जैसा कि बताया गया रोज का कार्यक्रम तय रहता है. चुनाव प्रचार में निकलने का समय को तय है, पर लौटने का समय तय नहीं रहता. अभी तो स्थिति यह है कि प्रत्याशी को घर लौटने में रात को दो बज रहे हैं. लेकिन फोकस इस बात पर कोई भी इलाका न छूटे, सुबह के नौ बजे के आसपास प्रत्याशी यशस्विनी सहाय डुमरदगा के सैनिक कॉलोनी में लोगो से मिल रही थीं. बेड़ो से आयी टाना भगत भी टीम के साथ हो लिये. टाना भगत पदयात्रा में आगे-आगे वाद्ययंत्र बजाते चल रहे थे, लोग जमा होते हैं . महिलाओं की भीड़ से प्रत्याशी यशस्विनी मिलती हैं, उन्हें अपनेपन का अहसास कराती है, महगांई का मुद्दा उठाती हैं, पूछती हैं : क्या अच्छे दिन आ गये ? महिलाएं कहती है मुश्किल है. महगांई से परेशानी है. इस पर यशस्विनी कहती हैं कि महिलाओं के लिए कुछ नहीं हो रहा है. दोपहर के करीब एक बजे के आसपास कांके पंचायत बूटी के नायक टोला में नुक्कड़ सभा थी. महिला और युवाओं की अच्छी खासी भीड़ थी. इस सभा में यशस्विनी देश की संविधान को बचाने और महिला सु्रक्षा के सवाल को उठाते हुए खुद के बारे में बताती हैं, कहती है कि वह पेशे से वकील भी है, महिलाओं के न्याय के लिए लड़ती हैं, लेकिन जब संविधान ही भाजपा बदल देगी, तो हक की लड़ाई कैसै हो पायेगी? इसलिए यह चुनाव संविधान की रक्षा करने का चुनाव है, रिपोर्ट बता रहा है पिछले 45 साल के दौरान बेरोजगारी उच्चतर स्थिति में पहुंच चुकी है. दो करोड़ लोगों को प्रति वर्ष रोजगार देने के वादे के साथ मोदी सरकार सत्ता में आयी थी, पर रोजगार देने के बजाय बेरोजगारी को बढ़ाने का काम किया. मोदी सरकार की इस असलियत को पहचानने का वक्त आ गया है. इस के बाद विकास में एक बड़ी बैठक होती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी लोगों से यशस्विनी के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हैं. कहते है यह चुनाव देश के लिए महत्वपूर्ण है. पूरे कैंपेनिंग के दौरान केंद्र सरकार की विफलता और राज्य सरकार की उपलब्धियों पर फोकस किया जा रहा है. स्थानीय मुद्दों को राष्ट्र की समस्या से जोड़ कर केंद्र की विफलता को जोड़ कर आमजनों से मतदान की अपील की गयी.

विकास के लिए विजन जरूरी : यशस्विनी

रांची संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने कहा कि हर बार लहर पर सवार हो कर चुनाव जीता नही जा सकता, बात जब मुद्दों को होती है, तो वैसै नेता जो मुद्दे नहीं, बल्कि लहर के आसरे राजनीति करते हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ जाती है. यह स्थिति अभी यहां के सांसद की है. जनता संजय सेठ जी से नाखुश है. कई क्षेत्र के लोग कह रहे सांसद को देखा तक नहीं है. बातचीत में यशस्विनी ने कहा कि चुनाव में उन मुद्दों पर बात होनी चाहिए, जिससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरत जुड़ी है. महगांई बढ़ी है. युवा को रोजगार नहीं मिल रहा है. युवा वर्ग तनाव में है. कांग्रेस की गारंटी कार्ड में इन सब समस्याओं से निपटने का रोड़ मैप है. महिला सुरक्षा से लेकर महिलाओं के सर्वांगीण विकास की बात भी है. उन्होंने कहा कि रांची उनके लिए नया नहीं है, चुनाव से पहले इस इलाके को जाना समझा है. विकास के लिए विजन का होना आवश्यक है, अब वक्त है एक नयी सोच के साथ राजधानी को सजाने का. राज्य की सरकार ने युवा से लेकर आमजनों के लिए बेहतर काम किया है, पर केंद्र सरकार ने हेमंत सोरेन जी के साथ जो किया, इसे भी राज्य की जनता देख रही है. जनता का जो मूड़ है. उससे साफ है लहर के आसरे बैठे लोग इस बार निराश होंगे. इसे जनता ने तय कर लिया है.

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