वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य 35000 अधिवक्ताओं के कल्याणकारी योजनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल व महाधिवक्ता का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद राज्य के सभी 35000 अधिवक्ताओं को परिवार सहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के मामले में राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई तीन अक्तूबर को होगी. इससेे पूर्व झारखंड स्टेट बार काउंसिल की ओर से शपथ पत्र दायर कर दूसरे राज्यों में अधिवक्ताओं को मिल रही सुविधा की जानकारी दी गयी. काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने खंडपीठ को बताया कि झारखंड सरकार ने एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी के 15000 सदस्य अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा का लाभ देने का निर्णय लिया है, लेकिन इसमें परिवार शब्द का जिक्र नहीं है. राज्य में 35000 अधिवक्ता हैं, उन सभी को पत्नी व दो बच्चों सहित बीमा का लाभ दिया जाये. इसके लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया. वहीं महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार ने ट्रस्टी कमेटी के सभी सदस्यों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा का लाभ देने का निर्णय लिया है. ट्रस्टी कमेटी के सदस्य बनने के बाद अधिवक्ता उसका लाभ उठा सकेंगे. इसमें कोई संख्या निर्धारित नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विदेश कुमार दान ने जनहित याचिका दायर की है. सात जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के अधिवक्ताओं के साथ सीधा संवाद किया था. उन्होंने अधिवक्ताओं से वादा किया था कि वह स्वास्थ्य बीमा का लाभ देंगे. विगत दिनों कैबिनेट की बैठक में सरकार ने ट्रस्टी कमेटी के 15000 सदस्य अधिवक्ताओं को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा की सुविधा देने का फैसला किया. इसके लिए राज्य सरकार ने 13 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है.
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