रांची : झारखंड की राजधानी रांची में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को एक सहायक अवर निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. एसीबी के हत्थे चढ़े सुखदेवनगर थाना में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक का नाम मिथिलेश प्रसाद सिंह है. इस वर्ष एसीबी का यह तीसरा ट्रैप है.
एंटी करप्शन ब्यूरो ने बताया है कि राहुल देव उपाध्याय (40) की शिकायत पर उसने यह कार्रवाई की. ब्यूरो के मुताबिक, राहुल उपाध्याय (पिता स्व रामेश्वर उपाध्याय) सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी के रोड नंबर-6 के रहने वाले हैं. उन्होंने ब्यूरो को लिखित आवेदन दिया था कि उनकी पत्नी ने 18 जनवरी, 2020 को सुखदेवनगर थाना में उनके खिलाफ धारा 498(A) के तहत कांड संख्या 34/2020 दर्ज करायी थी. इस केस के अनुसंधानकर्ता सहायक अवर निरीक्षक मिथिलेश प्रसाद सिंह हैं.
अनुसंधानकर्ता ने उन्हें थाना के बाहर बुलाया. अधिकारी ने परिवादी से कहा कि यदि वह 15,000 रुपये उन्हें दे दे, तो केस में राहुल देव की मदद करेंगे. साथ ही कहा कि अगर रुपये नहीं दिये, तो उसके खिलाफ रिपोर्ट कोर्ट में देंगे. राहुल देव ने जब इतने रुपये दे पाने में असमर्थता जतायी, तो मिथिलेश प्रसाद ने कहा कि पहली किस्त के रूप में वह 3,000 रुपये उन्हें दे दे. बाकी पैसे बाद में देने की बात उन्होंने कही.
राहुल देव रिश्वत देना नहीं चाहता था. इसलिए उसने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज करा दी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के इंस्पेक्टर मिसिर उरांव ने मामले की जांच की और राहुल देव की शिकायत को सही पाया. इसके बाद राहुल के लिखित आवेदन एवं इंस्पेक्टर मिसिर उरांव की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसीबी रांची की थाना ने 17 मार्च, 2020 को कांड संख्या 04/2020 दर्ज कर प्राथमिक अभियुक्त एएसआइ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जो मूल रूप से बिहार के सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सोनपुरा गांव के रहने वाले हैं, की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया.
बुधवार (18 मार्च, 2020) को सहायक अवर निरीक्षक मिथिलेश प्रसाद सिंह ने बरियातू थाना चौक पर राहुल देव से रिश्वत की रकम ली, वहां सादे वेश में मौजूद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया.