रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने वाहन दुर्घटना से संबंधित अवार्ड को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए कहा है कि वाहन दुर्घटना में मुआवजा का आधार औसत आय नहीं हो सकती है. मृतक के मुआवजे का आधार वर्तमान आय होगी. पिछले वित्तीय वर्ष की औसत आय के आधार पर मुआवजे की गणना नहीं की जा सकती है. साथ ही अदालत ने रांची के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल की ओर से निर्धारित मुआवजे (अवार्ड) को बरकरार रखा, लेकिन ब्याज की दर नौ फीसदी से घटा कर 7.5 प्रतिशत कर दी. उल्लेखनीय है कि वाहन दुर्घटना का यह मामला वर्ष 2014 का है. मृतक की पत्नी शारदा देवी के पति अरुण कुमार बलदेव साहू डिग्री कॉलेज लोहरदगा में दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष थे. वाहन दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी थी. ट्रिब्यूनल ने क्लेम आवेदन पर सुनवाई के बाद वित्तीय वर्ष 2013-2014 के लिए मृतक की सकल वार्षिक आय के आधार पर उनके परिवार को 24,64,773 रुपये का मुआवजा नौ प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया. धक्का मारनेवाले ट्रक का बीमा करनेवाली ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने उक्त आदेश को चुनौती दी थी. प्रार्थी का कहना था कि मुआवजा की गणना के लिए पिछले तीन वित्तीय वर्षों की औसत आय का उपयोग किया जाना चाहिए.
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