रांची: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की ओर से सीआरपीएफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये जाने पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा है कि 20 जनवरी की रात सीएम आवास से सटे एलपीएन शाहदेव चौक का यह वीडियो है, जहां धारा 144 लगी हुई थी और मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों के साथ कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे.
ईडी के अधिकारियों को भाड़े पर लाये गये तीर-धनुष से लैस लोगों से बचाने के लिए आये सीआरपीएफ अफसरों-जवानों पर निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुकदमा करनेवाली रांची पुलिस अगर कानून सम्मत काम करती है, तो पहले मुख्यमंत्री और उनके भाड़े के टटुओं के साथ ही वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर मुकदमा करे. हेमंत सरकार का केंद्रीय एजेंसियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों को डराने के लिए पुलिसिया ताकत के दुरुपयोग का प्रयास फिर भारी पड़ेगा. लिखकर रख लें.
Also Read: छह माह बाद बाबूलाल मरांडी ने बनाई प्रदेश भाजपा की कमेटी, पुराने चेहरों पर ही जताया भरोसा
कांके के सीओ सह दंडाधिकारी जय कुमार राम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थकों और आमलोगों के खिलाफ सोमवार को गोंदा थाना में प्राथमिकी करायी है. कहा है कि 20 जनवरी की सुबह 11 बजे के करीब कांके रोड राम मंदिर तिराहा के नजदीक झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थकों और आमलोगों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के विरोध में नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया जाने लगा. इन लोगों को क्षेत्र में धारा-144 लगे होने की जानकारी दी गयी. साथ ही वहां से उन्हें हटने का निर्देश दिया गया. लेकिन वे लोग नहीं हटे और नाजायज मजमा लगाकर प्रदर्शन करते रहे. भीम आर्मी के 200 सदस्यों पर भी प्राथमिकी : धारा-144 वाले क्षेत्र में भीम आर्मी के 200 सदस्यों द्वारा जुलूस निकालकर प्रदर्शन किये जाने के मामले में भी सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने गोंदा थाना में प्राथमिकी करायी है.
मुख्यमंत्री के कांके रोड स्थित सरकारी आवास पर बिना अनुमति सीआरपीएफ की टीम के पहुंचने के मामले में सरकार की ओर से गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गयी थी. इस मामले में गृह सचिव ने डीजीपी अजय कुमार सिंह, रांची के डीसी राहुल कुमार और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा से रिपोर्ट तलब की है.