रांची : 500 वर्षों के सतत संघर्ष और 25 पीढ़ियों के बलिदान के बाद 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का गौरवशाली दिन विश्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. इसको लेकर राम लला की मंदिर को भव्य तरीके से सजाया संवारा जा रहा है. देश में उत्सव का माहौल है. झारखंड समेत राज्यों में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से अक्षत व आमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रभात खबर के प्रमुख संवाददाता सतीश कुमार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से बातचीत की.
पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भगवान राम लोगों के दिलों में बसते हैं. इस भूलोक और संस्कृति दोनों में राम समाहित हैं. भगवान राम, कृष्ण व शिव भारत की पहचान हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर से जुड़े विहिप समेत अन्य संगठन तैयारी में जुटे हुए हैं. घर-घर जाकर लोगों को अक्षत व निमंत्रण पत्र पहुंचा रहे हैं. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो रहे हैं. ऐसे में देश की जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है.
भारतवासियों के कण-कण में भगवान राम: यह पूछे जाने पर कि विपक्ष का आरोप है कि आज भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, वह राम मंदिर से सहारे एक बार फिर केंद्र की सत्ता पर काबिज होना चाहती है. श्री मरांडी ने कहा कि मुझे लगता है कि आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों को भगवान राम व भारतवर्ष के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है या जानबूझ कर अज्ञानी बन रहे हैं. भारत वासियों के कण-कम में भगवान है. भारत की पहचान भगवान राम, कृष्ण, शिव, मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी व अन्य देवी-देवताओं से है. यही वजह है कि भारतीय व वैसे सनातनी, जिन्होंने अपनी आस्था नहीं बदली हो, सभी का नाम व जुड़ाव इनके ईर्द-गीर्द ही है. ऐसे में विपक्षी दलों की ओर से हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखना सही नहीं है. आज जब देश में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो रहा है, तो किसे खुशी नहीं होगी.
Also Read: झारखंड: ED के समन और गांडेय से सरफराज अहमद के इस्तीफे को लेकर बाबूलाल मरांडी ने CM हेमंत सोरेन पर साधा निशाना
श्री मरांडी ने कहा कि भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल में वंचित व आदिवासियों के बीच रह कर उन्हें गले लगाने का काम किया. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम के आदर्शों पर आगे बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार की गरीब कल्याण की जितनी भी योजनाएं हैं, उसके केंद्र में दलित व आदिवासी ही हैं. प्रधानमंत्री के दिलों में वंचित व आदिवासी समुदाय के लोग बसते हैं. यही वजह है कि उन्होंने पहले एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को झारखंड का राज्यपाल बनाया. इसके बाद उन्हें देश के सर्वोच्च को सुशोभित करने का मौका प्रदान किया. आज द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के पद पर देख कर जनजाति समाज अपने को गौरवान्वित महसूस करता है.
श्री मरांडी ने कहा कहा कि मैं खूद विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा रहा है. जिस समय राम मंदिर को लेकर आंदोलन चरम पर था, तब मैं विहिप का संगठन महामंत्री हुआ करता था. हम लोग प्रदेश में शिलापूजन कराने का काम किया करते थे. कई वर्षों तक लगता है कि था कि आखिर राम मंदिर का सपना कब साकार होगा. जब विपक्षी दलों की ओर से यह कहा जाता था कि मंदिर वहीं बनायेंगे, लेकिन तिथि नहीं बतायेंगे, तब यह बात मन को बहुत कचोटता था. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सपना साकार हो रहा है. आज भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि नजदीक आ गयी है, तो हिंदू व सनातनियों के दिलों में खुशी व उमंग व उत्साह का माहौल है.