रांची : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लोकपाल द्वारा शिबू सोरेन परिवार की चल-अचल संपत्ति की जांच के संबंध में दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन परिवार लाख हथकंडा अपना लें, बच नहीं सकता. ऐसे भ्रष्ट लोगों की जगह होटवार जेल में ही है. प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री मरांडी ने कहा कि अगर भ्रष्टाचारी लुटेरे इसी प्रकार सत्ता पर काबिज होते रहे, तो जनता का लोकतंत्र से भरोसा उठ जायेगा. उन्होंने कहा कि जिन्होंने जनता की गाढ़ी कमाई लूटी है, उन्हें हर हाल में सजा मिलनी चाहिए. भाजपा का भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. जब तक भ्रष्टाचारियों को सजा नहीं मिल जाती, भाजपा चैन से नहीं बैठेगी. एक दिन भ्रष्टाचारियों को होटवार जाना ही पड़ेगा.
श्री मरांडी ने कहा कि लोकपाल का गठन भ्रष्टाचार, लूट को जड़ से समाप्त करने के लिए हुआ है. वर्ष 2020 में सांसद निशिकांत दूबे ने शिबू सोरेन द्वारा सत्ता और पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध चल-अचल संपत्ति अर्जित करने की जांच कराने के लिए लोकपाल में आवेदन दिया था. इसके बाद ये सजा से बचने के लिए तरह-तरह के तिकड़म अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ शिबू सोरेन परिवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार नहीं करने की बात करते हैं. कहते हैं कोई गड़बड़ नहीं किया. तो फिर जांच एजेंसियों से क्यों भागते हैं, क्यों जांच रुकवाने के लिए हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट दौड़ते हैं? उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन परिवार बोलता है कि लोकपाल का मामला पुराना है, तो क्या कोई चोर पांच-दस साल बाद पकड़ा जायेगा, तो क्या उस पर मुकदमा दर्ज नहीं होगा? यह मामला लोकपाल का है. सीबीआइ जांच होगी. कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट का फैसला भले थोड़े विलंब से आया है, लेकिन अच्छा फैसला आया है. आगे कोई भी भ्रष्टाचार को छुपाने का दुस्साहस नहीं करेगा.
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इडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास में हुई पूछताछ के दिन सीएम आवास के 500 मीटर के दायरे में लगी धारा 144 के उल्लंघन मामले में सीआरपीएफ अधिकारी पर हुए मुकदमे पर सवाल खड़ा करते हुए श्री मरांडी ने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा दोषी तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं, जो धारा 144 के बीच गाड़ी पर खड़ा होकर भीड़ को संबोधित कर रहे थे. सबसे पहले तो उन्हीं पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए. कहा कि सीआरपीएफ अधिकारी तो अपनी ड्यूटी कर रहे थे. जिस प्रकार सीएम से पूछताछ के दौरान तीर-धनुष, हथियार के साथ भाड़े पर लाये गये लोग मुख्यमंत्री आवास के बाहर खड़े थे, उससे इडी के अधिकारियों की सुरक्षा सचमुच संदेहास्पद थी. आखिर क्यों इतने लोगों को पूछताछ के दिन बुलाया था. कुछ अधिकारियों को माहौल बिगाड़ने के लिए टूल्स बनाया गया था.