आज बकरीद है. बकरीद को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है कुर्बानी वाली ईद. ईद-उल-फितर के बाद यह इस्लाम धर्म का दूसरा बड़ा त्योहार है. बकरीद रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद मनायी जाती है. यह पर्व कुर्बानी, त्याग, बलिदान, तपस्या और मजबूत इरादे का प्रतीक है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है.
मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बताया कि हजरत इब्राहिम खुदा के बंदे थे. कहा जाता है कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर इब्राहिम से कहा था कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज का त्याग करें. इसके बाद पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया. हजरत इब्राहिम को लगा कि बेटे की कुर्बानी देते समय कहीं उनका उसके लिए उनका प्यार परेशानी न बन जाये, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली. इसके बाद हजरत इब्राहिम ने जब बेटे इस्माइल की गर्दन पर छुरी चलायी, तो अल्लाह के हुक्म से उनके बेटे हजरत इस्माइल की जगह एक जन्नती दुंबा (एक जानवर) आ गया. इब्राहिम ने जब आंख से पट्टी हटायी, तो उन्होंने अपने बेटे को जिंदा खड़ा पाया. अल्लाह को हजरत इब्राहिम का ये अकीदा और अमल इतना पसंद आया कि हर साहिबे हैसियत (जिसकी आर्थिक हालत बकरा या दूसरा जानवर खरीदकर कुर्बान करने की हो) पर कुर्बानी करना वाजिब कर दिया. कुर्बानी, त्याग, बलिदान, तपस्या और मजबूत इरादे का प्रतीक है. मौलाना कुतुबुद्दीन ने कहा कि त्योहार की खुशी में सभी लोगों को शामिल करें और दूसरे की खुशी में कोई खलल न पैदा हो.
सेक्टर टू निवासी आसिफ इकबाल छह साल बाद अपने परिवार के साथ बकरीद का त्योहार मनाने के लिए रियाद से अपने घर आये हैं. उन्होंने कहा कि घर में परिवार के साथ त्योहार मनाने का आनंद ही कुछ और है. यह खुशी वहां नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा कि त्योहार को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. गुरुवार को नमाज अदा करने के बाद सबकी खुशहाली के लिए दुआ की जायेगी. उन्होंने कहा कि अपने देश व अपने इलाके की वादियों में जो खुशबू है, वह कहीं नहीं मिलेगी.
बकरीद की नमाज के लिए ईदगाहों और मस्जिदों में तैयारी पूरी हो गयी है. गुरुवार सुबह से ही बकरीद की नमाज शुरू हो जायेगी. बारिश की देखते हुये विशेष इंतजाम किये गये हैं. लोगों से जयनमाज और प्लास्टिक लाने के लिए कहा गया है, ताकि उन्हें नमाज अदा करने के दौरान परेशानी न हो. बारिश तेज हो गयी, तो ईदगाहों की नमाज मस्जिदों में होगी. डोरंडा ईदगाह में मौलाना अलकमा सिबली नमाज अदा करायेंगे. यहां ईदगाह कमेटी ने विशेष इंतजाम किया है.
हरमू ईदगाह की जगह अपर बाजार स्थित जामा मस्जिद में सुबह नौ बजे नमाज अदा की जायेगी. यह जानकारी अंजुमन इस्लामिया के महासचिव डॉ तारीख हुसैन ने दी.
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मस्जिद ए अमन कांटा टोली, मक्का मस्जिद : सुबह 5:30 बजे
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मस्जिद ए अहले हदीस : सुबह 5:45 बजे
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मदीना मस्जिद, मस्जिद ए अंबिया, मरकजी मस्जिद डोरंडा : सुबह छह बजे
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कडरू जामिया मस्जिद, कुरैशी मोहल्ला मस्जिद डोरंडा : सुबह 6:15 बजे
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दर्जी मोहल्ला मस्जिद डोरंडा, रहमत कॉलोनी मस्जिद डोरंडा : सुबह 6:30 बजे
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हवारी मस्जिद, मस्जिद ए अबुबकर लाहकोठी, कडरू जमील मस्जिद : सुबह 6:45 बजे
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डॉ फतेहउल्लाह मस्जिद, पारसटोली डोरंडा, छोटी मस्जिद, इस्लामी मरकज मस्जिद, मस्जिद ए उसमान, कडरू जामा मस्जिद : सुबह सात बजे
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कडरू मदरसा हुसैनिया, फिरदौस नगर मस्जिद, मस्जिद ए औलिया : 7:15 बजे
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शाही जामा मस्जिद मोरहाबादी और कडरू ईदगाह : सुबह 7:45 बजे
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रंगसाज मस्जिद, राईन मस्जिद, बड़ी मस्जिद, अकबरिया मस्जिद, मजार वाली मस्जिद डोरंडा,मनीटोला मस्जिद,मस्जिद ए अराफात अरविंद नगर डोरंडा, हाथीखाना मस्जिद : 7:30 बजे
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डोरंडा ईदगाह, चुट्टू ईदगाह, सिलादोन ईदगाह, हरमू भट्ठा मोहल्ला, पंडरा मस्जिद : सुबह आठ बजे
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पुंदाग ताहा मस्जिद : सुबह 8:15 बजे
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कांके ईदगाह, कोकदोरो ईदगाह, पीरु टोला ईदगाह कांके, हुसीर ईदगाह, होचर ईदगाह, सतकनादू ईदगाह, नया सराय ईदगाह, जामा मस्जिद पुनदाग, दीपाटोली मस्जिद, सिठीओ जामा मस्जिद : सुबह 8:30 बजे
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पुंदाग ईदगाह, सुकुरहुटू छोटी मस्जिद : सुबह 8:45 बजे .
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जामा मस्जिद अपर बाजार, पिठोरिया ईदगाह, ओयना ईदगाह, सुकुरहुटू बड़ी मस्जिद : सुबह 09 बजे
बकरीद को लेकर ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया है. राजेंद्र चौक से आंबेडकर चौक के बीच सुबह सात बजे से दस बजे, नमाज समाप्ति तक वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहेगा. उक्त अवधि में वाहन युवराज होटल की तरफ से राजेंद्र चौक के पश्चिमी भाग से जा सकते हैं. मेन रोड में रतन टॉकीज पुलिस पोस्ट से काली मंदिर चौक (डेली मार्केट) के बीच वाहनों का परिचालन पूर्णत: बंद रहेगा. अलबर्ट एक्का चौक से सुजाता चौक की ओर जाने वाली गाड़ियां, सर्जना चौक से मिशन चौक, कर्बला चौक तथा काली मंदिर चौक से (चर्च रोड) कर्बला चौक की ओर जा सकती हैं. डोरंडा से सुजाता होते हुए मेन रोड की ओर आनेवाले वाहनों का मार्ग सुजाता चौक से क्लब रोड (मुंडा चौक) की ओर परिवर्तित रहेगा. बकरीद की नमाज अदायगी के समय मेन रोड की गाड़ियों की पार्किंग सैनिक मार्केट में होगी. इस दौरान यात्री व मालवाहक, छोटे-बड़े वाहन मेन रोड में प्रवेश नहीं करेंगे. चिह्नित मार्गों को स्लाइडिंग बैरियर से अस्थायी तौर पर बंद कर दिया जायेगा.
बकरीद के जरिए पैगाम दिया जाता है कि मुस्लिम करीब रहने वाली वस्तु भी दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं. इस वजह से बकरे की कुर्बानी दी जाती है. यह त्योहार बलिदान का प्रतीक माना जाता है. जा रहे हैं.
-अमन अहमद, कांके
बकरीद की नमाज में सबकी खुशहाली के लिए दुआ करूंगा. यह भाईचारिगी का त्योहार है, इसलिए इस दिन जरूरतमंदों की मदद करेंगे. घर में कई तरह के पकवान बनाये जा रहे हैं. दोस्त और रिश्तेदार घर आयेंगे. बच्चों में खास उत्साह है.
-हाफिज मोहम्मद सफी उल्लाह, नया सराय