रांची: सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद एवं आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा बुलाए गए भारत बंद के तहत झारखंड के रांची, हजारीबाग, लोहरदगा, खूंटी समेत सात राज्यों में रेल-रोड चक्का जाम किया गया. राजधानी रांची में अनगड़ा प्रखंड अंतर्गत गंगाघाट पर रेल-रोड चक्का जाम किया गया. गंगाघाट रोड एवं रेल पटरी पर उतरकर आदिवासी समुदाय के लोग सरना कोड की मांग कर रहे थे. गंगाघाट रेलवे स्टेशन में केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, सोमरा उरांव, गंगा मुंडा, साजन उरांव, प्रभु उरांव, मंगरु उरांव एवं गाजु उरांव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क एवं रेल पटरी पर उतरकर प्रदर्शन किया.
झारखंड के कई जिलों में रेल-रोड चक्का जाम
रांची के कोकर में केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया. हजारीबाग में सरना समिति हजारीबाग के अध्यक्ष महेंद्र बेक के नेतृत्व में आई लव यू चौक जाम किया गया. लोहरदगा जिले में जिला सरना समिति लोहरदगा के अध्यक्ष चैतू उरांव के नेतृत्व में लोहरदगा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकी गयी एवं कचहरी रोड में मुख्य चौक पर सड़क जाम किया गया.
2024 के चुनाव से पहले लागू हो सरना कोड
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने भारत बंद को सफल बताया. उन्होंने कहा कि पूरे देश में आदिवासी सरना कोड की मांग को लेकर सड़क पर उतरे और रेल-रोड चक्का जाम कर सरना कोड लागू करो का नारा बुलंद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव से पहले यदि केंद्र सरकार सरकार सरना कोड लागू नहीं करती है तो आदिवासी केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकेंगे. केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का ने कहा कि सरना कोड नहीं रहने से जबरन आदिवासी को हिंदू एवं ईसाई बनाया जा रहा है. सरना कोड लागू होने से हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध अपने आप डीलिस्टिंग हो जाएंगे.