शिक्षा एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. यह सिर्फ संस्थान तक सीमित नहीं रहती है. सीखने की प्रक्रिया जीवन भर चलती है. खुद को बेहतर बनाकर ही सामाजिक पहचान मिलेगी. ये बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बीआइटी मेसरा के 33वें दीक्षांत समारोह के दौरान कहीं. वह जीपी बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में बतौर चांसलर पहुंचे थे. जहां पहली बार संस्थान के सात कैंपस – बीआइटी मेसरा, पटना, देवघर, लालपुर एक्सटेंशन, नोएडा, जयपुर और यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के 1700 विद्यार्थियों ने डिग्रियां हासिल की.
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि डिग्री हासिल करने के बाद असली जीवन यात्रा शुरू होती है. जिसमें बेहतर कर्म करते हुए परिवार और समाज का विकास कर सकेंगे. शैक्षणिक संस्था शिक्षा के साथ सामाजिक दायित्वों के निर्वहन की सीख देती है. समय-समय पर इसमें सहयोग कर अच्छा नागरिक बन सकेंगे.
युवा पीढ़ी शोध से जुड़े : राज्यपाल ने कहा कि भारत शिक्षित देश है. देश के लोगों में वह क्षमता है, जो किसी और में नहीं. चंद्रयान-थ्री इसका उदाहरण है. युवा पीढ़ी को शोध से जुड़ने की जरूरत है. इससे नये अवसर तैयार होंगे, जो दूसरों को रोजगार दिलाने में मदद करेगी. इंजीनियरिंग के विद्यार्थी नवाचार से नये बदलाव की पहल कर सकते हैं. इस क्रम में नैतिकता और मूल्य आधारित जीवन को अपनाना जरूरी है.
दीक्षांत समारोह में 2818 विद्यार्थी हुए थे चयनित
सत्र 2022-23 के लिए 33वें दीक्षांत समारोह में सात कैंपस के कुल 2818 विद्यार्थी डिग्री प्रदान करने के लिए चुने गये थे. इनमें यूजी के 1948, पीजी के 699, डिप्लोमा के 115 और पीएचडी के 56 विद्यार्थी शामिल थे. विषयवार चिह्नित 17 ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मर को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. समारोह में बीआइटी मेसरा मेन कैंपस के कुल 1365 विद्यार्थी (यूजी के 821, पीजी के 498 और पीएचडी के 46 विद्यार्थी), बीआइटी लालपुर एक्सटेंशन के कुल 429 (यूजी के 323, पीजी के 105 और पीएचडी के एक विद्यार्थी), यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक बीआइटी मेसरा के कुल 143 (डिप्लोमा के 115, यूजी के 28 विद्यार्थी), ऑफ कैंपस देवघर के कुल 142 (यूजी के 140 और पीएचडी के दो विद्यार्थी), पटना के कुल 383 (यूजी के 361, पीजी के 19 और पीएचडी के तीन विद्यार्थी), नोएडा के कुल 127 (यूजी के 70, पीजी के 53 और पीएचडी के चार विद्यार्थी) और जयपुर के कुल 229 (यूजी के 205 और पीजी के 24 विद्यार्थी) को डिग्री से सम्मानित किया गया.
इन 17 विद्यार्थियों को मिला गोल्ड मेडल
इस वर्ष गोल्ड मेडलिस्ट के लिए 17 ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मर का चयन विभिन्न कैंपस से हुआ था. इनमें बीआर्क के दीपतम दास, बीटेक बायोटेक्नोलॉजी के अनिरुद्ध अरुण उपाध्याय, केमिकल इंजीनियरिंग की जसलीन कौर, केमिकल-प्लास्टिक एंड पॉलीमर के हिमांशु कुमार, सिविल इंजीनियरिंग की सौम्या झा, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की कोमल कुमारी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के तरणजीत सिंह, इसीएस के महावदी श्री शशांक, आइटी के कपिल कुंगवाणी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अमन सिंह, प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के आयुष त्रिपाठी, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी की श्रेया मनकोटिया, बी फार्मेसी की अदीति, बीबीए की अनमोल अग्रवाल, बीसीए की इशा गुप्ता, बीएससी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया के सिद्धार्थ और बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी की पूनम कुमारी शामिल रहें.
बड़ा काम करने के लिए खुद को तैयार करें : सेनापति
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इंफोसिस के को-फाउंडर पद्मभूषण सेनापति कृष गोपालकृष्णन शामिल हुए. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि बड़ा और प्रभावी काम करने के लिए समय और अनुभव जरूरी है. इसके लिए लगातार खुद को शिक्षा से जोड़े रखें. आज के युवा आत्मविश्वास के साथ अपने काम को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने का जुनून रखते हैं. यह अच्छी शिक्षा व प्रशिक्षण की पहचान है. उन्होंने विद्यार्थियों को स्टीव जॉब्स का उदाहरण देते हुए नियमित आत्म मूल्यांकन कर लक्ष्य तय कर उसे हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.
सत्र के विद्यार्थियों को 729 जॉब ऑफर्स मिले
वीसी प्रो डॉ इंद्रनील मन्ना ने संस्था की वार्षिक रिपोर्ट पेश की. उन्होंने बताया कि नैक से संस्था को ग्रेड ”ए” मिलने के बाद बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है. संस्थान विद्यार्थियों की शिक्षा के अलावा अनुसंधान और प्लेसमेंट की दिशा में बेहतर रिकॉर्ड कायम करने में सफल हुई है. सत्र 2022-23 की प्लेसमेंट प्रक्रिया में 193 संस्थानों ने 729 जॉब ऑफर्स पेश किये. मौके पर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन सीके बिरला ने भी समय की मांग के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण हासिल करने की प्रेरणा दी.
वर्तमान में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन बेंगलुरु से मास्टर्स ऑफ डिजाइन की पढ़ाई कर रहा हूं. नये अवसर का लाभ उठाना है.
– दीपतम दास
प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग करते हुए खुद को एनालिटिक्स के क्षेत्र के लिए तैयार किया. अब मैनेजमेंट करने की तैयारी कर रहा हूं.
– आयुष त्रिपाठी
होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के दौरान बतौर शेफ खुद को तैयार किया. इससे मैरिएट ग्रुप में सेफ चुनी गयी. खुद को एग्जीक्यूटिव सेफ के लिए तैयार करना है.
– श्रीया मनकोटिया
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी वर्तमान में डिमांड पर है. इस क्षेत्र में अनुसंधान करना चाहती हूं. एमएससी के बाद शोध से जुड़ना लक्ष्य है.
– पूनम कुमारी
वर्तमान में एमबीए के जरिये प्रबंधन कौशल सीख रहा हूं. इंटरप्रेन्योर बन खुद के साथ-साथ दूसरों के लिए रोजगार अवसर तैयार करना लक्ष्य है.
– अनमोल अग्रवाल