झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने भाजपा (Bharatiya Janata Party) को आदिवासी, दलित, गरीब विरोधी बताया. कहा कि इनके मुख में राम और बगल में छुरी होती है. इन्हें लूटकर खाने की आदत रही है. ये सामंतवादी और मनुवादी लोग हैं, जिनकी वजह से आज तक कोई आदिवासी, दलित आगे नहीं आ पाया. उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी महिला को राष्ट्रपति (Tribal President) बनाकर आदिवासी मुख्यमंत्री (Tribal Chief Minister) की सत्ता छीनने का प्रयास कर रहे हैं.
हेमंत सोरेन ने कहा कि विश्वास मत के लिए सत्र आहूत हुआ है. विपक्ष के साथी कह रहे हैं कि सरकार के पास बहुमत है, तो विश्वास मत (Vote of Confidence) की क्या आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है, क्योंकि सरकार यह साबित करना चाहती है, देश और राज्य की जनता को बताना चाहती है कि यूपीए की हमारी सरकार स्थिर है. वर्ष 2019 से अब तक कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का हमने मुंहतोड़ जवाब दिया. झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को हमारी सरकार ने संभाला है.
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हेमंत सोरेन ने कहा कि यूपीए गठबंधन को ये सौभाग्य प्राप्त हुआ कि यह महामारी हमारे कार्यकाल में आयी. अगर उनके कार्यकाल में आया होता, तो यहां के दलितों, आदिवासियों, मजदूरों का क्या होता, यह कहना मुश्किल है. इनके आलाकमान तो भाषणों में बोलते हैं कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में चढ़ायेंगे, लेकिन उन्हें सड़क पर चलने के लायक भी नहीं छोड़ा. भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया.
श्री सोरेन ने कहा कि आज परिस्थिति ये है कि हम जब आज आजादी के 75 साल का जश्न मना रहे हैं, तब देश में झंडा लगाने का एजेंडा फिट किया गया. भाजपा के साथियों ने झंडा बेचने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश को बेचने के साथ-साथ इन लोगों ने झंडा भी बेचना शुरू कर दिया. जीवन में कभी इन लोगों ने तिरंगा झंडा नहीं फहराया. ये देश के लोकतंत्र को बेचने का प्रयास कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘न खायेंगे, न खाने देंगे’ का नारा लगाने वाले, ‘सबका साथ-सबका विकास’ का नारा देने वाले इनके आलाकमान किसी का साथ नहीं देते. किसी को साथ लेकर नहीं चलते. सिर्फ चंद कॉर्पोरेट व्यापारियों की मदद करने के लिए पूरे देश को इन लोगों ने ताक पर रख दिया है. आज गरीबों को पेंशन देने के पैसे इनके पास नहीं हैं. ये कहते हैं कि सरकारें रेवड़ियां बांटती हैं. श्री सोरेन ने कहा कि व्यापारियों का कर्ज माफ किया जाता है, तो उसको रेवड़ी बांटना कहते हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक देखेंगे, तो पायेंगे कि राज्य के अलग होने के बाद इन लोगों ने सत्ता में बैठकर राज्य की दुर्गति कर दी है. उसका करारा जवाब वर्ष 2019 में राज्य की जनता ने दिया. उस लाठी का दर्द ये आज भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. राजनीतिक तौर पर हमारा मुकाबला नहीं कर पा रहे, तो संवैधानिक संस्थाओं को भेजकर राज्यों की लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है.
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हेमंत सोरेन ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी हमला बोला. रघुवर दास का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि इनकी सरकार हाथी पर उड़ती थी. इन्होंने ऐसे-ऐसे कारनामे किये हैं, जिसे लिखना शुरू कर दें, तो कलम की स्याही खत्म हो जायेगी. कहा कि मनुवादी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है. देश को बांटने की कोशिश हो रही है.