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Ranchi news : आदिवासी युवाओं के पायलट बनने के सपने पर ब्रेक, डीजीसीए ने नहीं दिया एनओसी

डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) दुमका में पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है.

रांची. राज्य के आदिवासी युवाओं के पायलट बनने के सपने पर ब्रेक लग गया है. डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) दुमका में पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. इस वजह से तैयारी पूरी होने के बावजूद राज्य सरकार पायलट प्रशिक्षण केंद्र का संचालन शुरू नहीं कर पा रही है. नवंबर 2023 में ही कैबिनेट ने दुमका में कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस विद मल्टी इंजन रेटिंग एंड एयरबस 320 टाइम रेटिंग प्रशिक्षण अकादमी के गठन का फैसला लिया था. उसके बाद राज्य सरकार ने डीजीसीए से अकादमी का संचालन करने के लिए एनओसी की मांग की थी. लेकिन, साल भर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी डीजीसीए ने राज्य सरकार को एनओसी नहीं दिया है.

15 युवाओं को नि:शुल्क दिया जाना है प्रशिक्षण

राज्य सरकार ने प्रशिक्षण अकादमी में आदिवासी युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षित कर पायलट बनाने से संबंधित प्रावधान किया है. इसके लिए प्रवेश परीक्षा लेकर प्रशिक्षण अकादमी के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है. आरक्षण प्रक्रिया का पालन करते हुए 30 प्रशिक्षु पायलटों का चयन किया जायेगा. उनमें से 15 प्रशिक्षुओं को राज्य सरकार शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति देकर मुफ्त में पायलट का प्रशिक्षण देगी. दो चरणों में होनेवाला प्रशिक्षण दुमका व नोएडा या गुड़गांव में कराने की योजना है. एक बार दिये जानेवाले प्रशिक्षण पर राज्य सरकार 9.10 करोड़ रुपये खर्च करेगी. विज्ञान संकाय से 12वीं की परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थी राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जानेवाली प्रवेश परीक्षा में बैठने के योग्य होंगे.

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