Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये बजट को लेकर झारखंड में सत्ता पक्ष ने इसे निराशाजनक करार दिया, वहीं विपक्ष इसे संतुलित बजट बता रही है. सीएम हेमंत सोरेन ने इसे वित्तीय संघीय ढांचे पर एक कड़ा प्रहार करने जैसा बताया. वहीं, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस बजट के माध्यम से सशक्त भारत की आधारशिला बनेगी.
केंद्र सरकार का यह बजट वित्तीय संघीय ढांचे पर एक कड़ा प्रहार करने जैसा है। इसमें न किसी वर्ग की कोई चिंता की गई है, न कोई राहत प्रदान करने की बात की गई है।
जबकि पूंजीपतियों को सरकारी संपत्तियां बेचने वाली केंद्र सरकार की भाजपा आज हजारों करोड़ की पार्टी (कंपनी) बन गयी है।— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 1, 2022
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट वित्तीय संघीय ढांचे पर एक कड़ा प्रहार करने जैसा है. इसमें ना किसी वर्ग की कोई चिंता की गई है और ना ही कोई राहत प्रदान करने की बात की गई है. जबकि पूंजीपतियों को सरकारी संपत्तियां बेचने वाली केंद्र सरकार की भाजपा आज हजारों करोड़ की पार्टी (कंपनी) बन गयी है.
केंद्रीय आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि बजट काल्पनिक साहित्य जैसा है. पहले दो करोड़ नौकरियों की बात थी, अब 60 लाख बजट में बात की गयी है, जबकि हकीकत है कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों ने 2020 में 6.4 करोड़ लोगों को अत्यंत गरीबी में ढकेल दिया. कहा कि बहुत हो-हल्ला हो रहा था कि कोरोना के बाद ऐसा बजट होगा जो देश का कायाकल्प हो जायेगा. सरकार के एक सदस्य होने के नाते हम कह सकते हैं कि आमलोग और गरीब होंगे. महंगाई से त्रस्त जनता को राहत कैसे मिले, किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई दी है.
Also Read: Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की महिलाओं को सौगात, महिला सशक्तीकरण के लिए इन पर रहा फोकस
वित्तमंत्री डॉ उरांव ने कहा है कि सच्चाई यह है कि सालाना प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में गिरावट आयी है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 175,89 से गिरकर 16,975 रुपये हो गया है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में जहां 80 करोड़ लोग सरकारी मुफ्त अनाज पर आश्रित हैं, उनको गरीबी से उठाने का कोई स्पष्ट विजन नहीं दिखा. आर्थिक सर्वे के अनुसार, सरकार की आय में जबरदस्त उछाल देखा गया. वर्ष 2020 की तुलना में 64.9 प्रतिशत राजस्व में बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुसार 2021 के दौरान भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय घट गयी.
उन्होंने कहा कि टैक्स संग्रहण काल के बावजूद आयकरदाता को कोई राहत नहीं दी गयी है. एनपीएस में वर्तमान में सरकारी कर्मचारी को अपने बेसिक वेतन प्लस डीए पर 10 प्रतिशत राशि जमा करने की सीमा को 14 प्रतिशत तक जमा करने की मामूली राहत है. उन्होंने कहा कि हेल्ड इंश्योरेंस पॉलिस, प्रीमियम स्टैंडर्ड डिडक्शन में कटौती सीमा होम लोन में प्रिंसिपल पेमेंट और ब्याज भुगतान पर राहत की बड़ी उम्मीद थी, लेकिन सबको निराशा हुई है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने इस बजट को शून्य राशि वाला बजट करार दिया. कहा कि इस बजट में मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, किसानों और वंचितों के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है. आशा के विपरित यह बजट रहा है. इस सरकार से ऐसे ही उम्मीद की जा सकती है.
Also Read: Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी झारखंड को वंदे भारत ट्रेन समेत ये बड़ी सौगात
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि बजट सिर्फ आय-व्यय का ब्योरा है. आमदनी कहां से होगी यह नहीं बताया गया है. जून 2022 में राज्यों को दिये जाने वाले GST क्षतिपूर्ति के मियाद पूरे होनेवाले हैं. सभी राज्यों ने इसे अगले 5 वर्ष तक बढ़ाने का अनुरोध वित्तमंत्री सीतारमण से किया गया था. राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने लिखा भी था लेकिन ऐसा नहीं करके झारखंड के साथ नाइंसाफी हुई है.
भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसे सशक्त बजट बताया. कहा कि आज का बजट निश्चित रूप से आनेवाले सशक्त भारत की आधारशिला बनेगी. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह बजट ना केवल रोजगार देनेवाला, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा. वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानतः 39.45 लाख का बजट निश्चित ही संभावनाओं का द्वार खोलने वाला होगा.
वहीं, पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट जन-जन की आकांक्षाओं पर ना केवल खरा उतरेगा, बल्कि आनेवाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की लंबी छलांग की भूमि तैयार करेगा. देश में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देनेवाला यह बजट है.
Also Read: Jharkhand Budget 2022: झारखंड का बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू, 3 मार्च को पेश होगा राज्य का बजट
राज्यसभा के पूर्व सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय मारू ने इसे संतुलित बजट करार देते हुए कहा कि बजट में किसानों को काफी राहत दी गई है. किसान एक सीमित स्तर पर MSP पर अपना अनाज बेच सकेंगे. कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. इसके लिए सरकार ने बच्चों के लिए 200 चैनल खोलने का निर्णय लिया है और इस निर्णय से अभूतपूर्व बदलाव आयेगा. कहा कि केंद्रीय बजट में सरकार के 3 साल में 400 वंदे मातरम् ट्रेन चलाने के निर्णय का स्वागत किया गया है. उन्होंने रक्षा बजट बढ़ोतरी पर भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है.
Posted By: Samir Ranjan.