आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के अंतिम संस्कार में कई आर्चबिशप और बिशप शामिल होंगे. इनमें कोलकाता के आर्चबिशप थॉमस डिसूजा, वेटिकन के राजदूत के प्रतिनिधि फादर केविन जस्टिन किमटिंस, दिल्ली के बिशप दीपक वेलेरियन ताऊरो, पोर्ट ब्लेयर के बिशप विश्वासम सेल्वाराज, अगरतला के बिशप ल्यूमेन मोंटेरियो, रायगढ़ के बिशप पॉल टोप्पो, कटक-भुवनेश्वर के आर्चबिशप जॉन बरवा, पटना के आर्चबिशप सेबेस्टियन कलुपुरा, जसपुर के बिशप इमानुएल केरकेट्टा, रायपुर के आर्चबिशप विक्टर हेनरी ठाकुर, अंबिकापुर के बिशप अंटोनिस बाड़ा, अंबिकापुर के पूर्व बिशप पतरस मिंज, राउरकेला के बिशप किशोर कुमार कुजूर, दुमका के बिशप जूलियस मरांडी, तेजपुर के बिशप माइकल अकासियुस टोप्पो, भागलपुर के बिशप कुरियन वालिकंडाथिल, पूर्व बिशप जोसफ अगस्टीन, सिमडेगा के बिशप विंसेंट बरवा, हजारीबाग के बिशप आनंद जोजो, जलपाइगुड़ी से फादर संजीत डुंगडुंग, खूंटी के बिशप विनय कंडुलना, जमशेदपुर के बिशप तेलेस्फोर बिलुंग, गुमला के अपोस्तोलिक एडमिनिस्ट्रेटर फादर लिनुस पिंगल व अन्य शामिल हैं.
कई महत्वपूर्ण क्षणों के साक्षी बने कार्डिनल
कार्डिनल टोप्पो ने रांची में पोप जॉन पॉल द्वितीय (1986), कार्डिनल टोमको (1996), कार्डिनल अरिंज (1998) व मदर टेरेसा (1994) की मेजबानी की. उनके कार्यकाल में वेटिकन के कई राजदूत रांची आये. इनमें अपोस्तोलिक नुनसियो कैसियाविलन (1985), जॉर्ज ज़ूर (1993.1997), लोरेंजो बाल्डिससेरी (2000) और पेद्रो लोपेज क्विंताना (2003) शामिल थे. 1993 में उन्होंने फादर कांस्टेंट लीवंस का पार्थिव शरीर रांची लाने में महती भूमिका निभायी. राजा उलातू में तीर्थालय का उदघाटन (1995) किया. उनके कार्यकाल में 1993 में गुमला व सिमडेगा और 1995 में खूंटी डायसिस बनाये गये.
तेलेस्फोर पी टोप्पो ने तोरपा में झारखंड लीवंस सेंटर, दुधानी, दुमका में सोशल डेवलपमेंट सेंटर, रांची में कैथोलिक सिविल सर्विसेज कोचिंग सेंटर, रांची में चिल्ड्रेन स्पांसरशिप प्रोजेक्ट, चैनपुर में हीरा बरवे डिस्पेंसरी, रांची में एसडीसी, रैगपिकर्स एजुकेशन एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम, कुरकुरिया प्रोजेक्ट के तहत अस्पताल व कुष्ठ रोगियों के पुनर्वास केंद्र, रांची रिक्शा चालक संगठन, छोटानागपुर. रांची कैथोलिक आर्चडायसिसन एजुकेशन बोर्ड, ग्राम गुरु एजुकेशन सोसायटी रांची, आर्चडायसिसन वोकेशन सेंटर हुलहुंडु, लीवंस अकादमी लोहरदगा, झारखंड बिशप्स और मेजर सुपीरियर्स फोरम, मांडर में नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की शुरुआत में भूमिका निभायी. फादर कांस्टेंट लीवंस को धन्य घोषित करने के कारणों को आधिकारिक रूप से सामने रखा था.
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10 स्थानों पर की गयी है मजिस्ट्रेट की तैनाती
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के पार्थिव शरीर को रांची लाने और अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है़ 10 स्थानों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है. मांडर से पुरुलिया रोड स्थित संत मैरी कैथ्रेडल तक प्रशासनिक व्यवस्था रहेगी. इससे संबंधित आदेश उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने सोमवार को जारी किया है. सभी मजिस्ट्रेट को मंगलवार सुबह 10 बजे प्रतिनियुक्त स्थान पर तैनात रहने को कहा गया है.
ट्रैफिक में बदलाव नहीं
तेलेस्फोर पी टोप्पो के पार्थिव शरीर के संत मेरी कैथेड्रल पहुंचने के रास्ते में जगह-जगह ट्रैफिक व सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी. इस संबंध में ट्रैफिक एसपी राजकुमार मेहता का कहना है कि भीड़ की स्थिति देख ट्रैफिक में बदलाव किया जायेगा. वहीं अंतिम दर्शन व संस्कार के मौके पर कई गणमान्य एवं आम लोग शामिल होंगे. यहां आने वाले वाहनों के लिए एसडीसी, कॉपरेटिव सोसाइटी बैंक, संत अल्बर्ट कॉलेज के अलावा पुरुलिया रोड पर स्थित सभी मिशनरी शिक्षण संस्थानों में पार्किंग की व्यवस्था रहेगी.