वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने एससी-एसटी एक्ट में इडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआइ या किसी स्वतंत्र एजेंसी को देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद अदालत ने जवाब दायर करने के लिए राज्य सरकार के समय देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. अदालत ने सरकार को चार सप्ताह का समय प्रदान किया. वहीं प्रतिवादी हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया. पिछली सुनवाई में अदालत ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया था. मामले की अगली सुनवाई सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता एके दास व अधिवक्ता साैरभ कुमार ने पक्ष रखा. वहीं राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले के अनुसंधान के दौरान गोंदा पुलिस द्वारा इडी के अधिकारी को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए मामले की जांच सीबीआइ अथवा किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाये. गोंदा थाना में एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर इडी द्वारा की गयी तलाशी के संबंध में आरोप लगाया गया था. श्री सोरेन ने आरोप लगाया था कि यह तलाशी उन्हें तथा उनके समुदाय को बदनाम करने के इरादे से ली गयी है. हालांकि हाइकोर्ट ने मामले में इडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस द्वारा 41ए के तहत दिये गये नोटिस पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है