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तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को हेमंत सरकार का तोहफा, जल्द मिलेगा कैशलेस स्वास्थ्य बीमा का लाभ

झारखंड सरकार कैशलेस व्यवस्था व स्वास्थ्य बीमा के लिए नौ साल से प्रक्रिया कर रही है. यह कब पूरी होगी. सरकार समय सीमा बताये, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कहा कि सरकार अपने कर्मियों को लेकर चिंतित है

झारखंड के तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मियों को कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर सदन में इसकी घोषणा की. माले विधायक विनोद सिंह ने मामला उठाते हुए कहा कि राज्य के पदाधिकारी व कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित नहीं हैं. स्वास्थ्य बीमा लागू नहीं होने से राज्य के पदाधिकारियों को चिकित्सा भत्ता व प्रतिपूर्ति दोनों का भुगतान करना पड़ा है. इसमें सरकार को 200 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय करना पड़ता है.

राज्य सरकार कैशलेस व्यवस्था व स्वास्थ्य बीमा के लिए नौ साल से प्रक्रिया कर रही है. यह कब पूरी होगी. सरकार समय सीमा बताये, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कहा कि सरकार अपने कर्मियों को लेकर चिंतित है. कई चीजों को बढ़ाने की जरूरत है. हमने प्रस्ताव वित्त व कार्मिक विभाग को भेजा है. विधायक श्री सिंह ने कहा कि नौ साल से प्रक्रिया चल रही है. एक महीने, दो महीने नहीं तो तीन महीने का ही समय सीमा दे दीजिए़ मंत्री ने कहा कि आप तीन महीने की बात कर रहे हैं, हम कह रहे हैं कि एक-दो महीने में ही कर देंगे़ पुराना संकल्प था, उसमें कई बदलाव हो रहे है़ं हम ना-नुकुर नहीं कर रहे है़ं स्वास्थ्य बीमा सुविधा हम देने जा रहे है़ं.

विधायकों की वेतन वृद्धि की मांग पर सरकार नियमसंगत विचार करेगी

बजट पर चर्चा के दौरान भानु प्रताप शाही ने विधायकों के वेतन वृद्धि की मांग की. इसका कई विधायकों ने समर्थन किया. सीएम से इस पर बोलने का आग्रह किया. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पूर्व की सरकार ने सत्ता में रहते ऐसा कर दिया है कि विधायकों का इलाज कराना भी मुश्किल है. विधायक और उनकी पत्नी अगर अपना इलाज कराना चाहेंगे, तो उनको एम्स की तर्ज पर इलाज कराना होगा. वह भी कुछ चिह्नित अस्पतालों में ही. पदाधिकारियों के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है.

वह कहीं भी कितनी भी राशि का इलाज करा सकते हैं. लेकिन वर्तमान सरकार संवेदनशील है. हम सिंदरी के विधायक का इलाज करा रहे हैं. सरकार आम जनता से लेकर जन प्रतिनिधियों के जान-माल को लेकर प्रतिबद्ध है. हम मुजरिम का इलाज भी एयर एंबुलेंस से कराते हैं. स्थिति यह है कि पूर्व विधायक अब स्वर्गीय राजेंद्र बाबू का इलाज का खर्च उनकी पेंशन से कट रहा है. सरकार विधायकों के वेतन और अन्य सुविधाओं के मामले में वाजिब निर्णय लेगी. इसमें न्यायसंगत निर्णय होगा. अध्यक्ष से चर्चा कर इस पर उचित निर्णय लेंगे.

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