17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

CBI Raid In Jharkhand: चुनाव से पहले एक्शन में सीबीआई, छापेमारी में 60 लाख नकद और एक किलो सोना बरामद

CBI Raid In Jharkhand : सीबीआई ने अवैध खनन में मामले कई जगहों पर छापेमारी की है. इस दौरान सीबीआई को 60 लाख कैश और 1-1 किलो सोना और चांदी बरामद की है.

CBI Raid In Jharkhand : साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में सीबीआई ने मंगलवार को झारखंड, बिहार और बंगाल के कुल 20 ठिकानों पर छापा मारा. इनमें रांची के तीन, गुमला का एक, साहिबगंज के 13, कोलकाता के दो और पटना का एक ठिकाना शामिल है. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 60 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना, 1.2 किलो चांदी और 9 एमएम की 61 गोलियां जब्त की हैं. वहीं, सेल डीड, शेल कंपनियों और निवेश से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं.

इन लोगों के ठिकानों पर हुई छापेमारी

छापेमारी की दायरे में पावर ब्रोकर के रूप में चिह्नित प्रेम प्रकाश, जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, सीए जयशंकर जयपुरिया, सीटीएस कंपनी और पत्थर व्यापारियों को शामिल किया गया है. जिला खनन पदाधिकारी विभूति के घर से मिले कागजात की की जांच के दौरान 1.5 करोड़ रुपये के निवेश का ब्योरा मिला है. उसके ठिकानों से लगभग 50 लाख रुपये के जेवरात मिले हैं.

अवैध खनन और बगैर वैध खनिजों की ढुलाई से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी

सीबीआई ने मंगलवार सुबह 6:00 बजे खनिजों के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा. छापेमारी के दायरे में अवैध खनन के अलावा बगैर वैध दस्तावेज के ही खनिजों की ढुलाई से जुड़े लोगों को शामिल किया है. छापेमारी के दायरे में शामिल किये गये लोगों का संबंध पंकज मिश्रा से है. हालांकि, पंकज को छापेमारी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है.

पत्थर कारोबारी के ठिकानों से एक किलो सोना और 1 किलो चांदी बरामद

छापेमारी के दौरान साहिबगंज के पत्थर कारोबारी भगवान भगत के ठिकानों से एक किलो सोना, रंजन वर्मा के ठिकानों से सात लाख रुपये नकद व 1.2 किलो चांदी और अमित जायसवाल के ठिकानों से 42 लाख रुपये नकद जब्त किये गये हैं.

वर्ष 2015 से ही सीटीएस कंपनी बिना वैध दस्तावेज के कर रही कर रही थी पत्थरों की ढुलाई

सीबीआई ने जांच के दूसरे चरण में सीटीएस नामक कंपनी के ठिकानों को भी छापेमारी के दायरे में शामिल किया. इस कंपनी को पास साहिबगंज में माइनिंग लीज भी है. लेकिन, कंपनी ने लीज क्षेत्र से बाहर जाकर खनन किया है. इस कंपनी के पास माइनिंग लीज के अलावा ट्रांसपोर्टेशन की भी अनुमति है. सीटीएस से कुछ अन्य कंपनियों के साथ मिल कर वर्ष 2015 से ही बिना वैध दस्तावेज के ही रेल रैक से पत्थरों की ढुलाई करना शुरू दिया था.

खनिजों की ढुलाई के लिए फार्म-डी आवश्यक

नियमानुसार खनिजों की ढुलाई के लिए ‘फार्म-डी’ का होना आवश्यक है. जांच में पाया गया कि एक रैक से 2500-2600 एमटी स्टोन चिप्स की ढुलाई की जाती है. इससे सरकार को प्रति रैक करीब 4.5 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होता है.

अवैध तरीके से पत्थरों की ढुलाई का मामला भी पकड़ में आया

सीबीआई ने हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में नीबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने विजय हांसदा द्वारा बोरियो थाने में दर्ज की गयी प्राथमिकी को जांच के लिए स्वीकार किया था. जांच के पहले चरण में सीबीआइ ने अवैध खनन से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. उस दौरान मिले दस्तावेज की जांच के दौरान अवैध खनन के अलावा अवैध तरीके से पत्थरों की ढुलाई का मामला पकड़ में आया था. पता चला कि अवैध खनन के बाद बिना वैध दस्तावेज के ही रेल रैक और स्टीमरों से पत्थरों की ढुलाई की गयी थी. प्रारंभिक जांच में सीटीएस नामक कंपनी द्वारा बिना वैध दस्तावेज के बड़े पैमाने पर खनिजों की ढुलाई कराये जाने की जानकारी मिली थी.

Also Read: Hemant Soren का हेलीकॉप्टर रोके जाने पर चुनाव आयोग सख्त, एयरपोर्ट निदेशक से जवाब तलब

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें