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आदिवासी समाज को मुख्य धारा से जोड़ना चाहती हैं झारखंड की स्टेट टॉपर लीजा उरांव

CBSE 10th result 2020 : कल सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया देश भर के करीब 1713121 छात्र पास हुए. इस साल सीबीएसई 10वीं की परीक्षा के लिए इस साल 1885885 छात्रों ने आवेदन किया था. जिनमें से 1873015 छात्रों ने परीक्षा दी थी. लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने 3.17 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसा ही कुछ झारखंड में भी देखने को मिला, जहां की स्टेट टॉपर एक लड़की हुई. खास बात ये है कि झारखंड बनने के बाद ये पहली बार होगा जब कोई आदिवासी समाज की लड़की ने स्टेट टॉपर बनकर नाम रौशन किया है. झारखंड की राजधानी रांची के डी ए वी हेहल की दसवीं की छात्रा लीजा उरांव ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में में इंग्लिश में 99, हिंदी में 100, गणित में 98, साइंस में 99, सोशल साइंस में 98 और आइटी में 100 अंक हासिल किए हैं.

बुधवार को सीबीएसई की दसवीं बोर्ड की परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया देश भर के करीब 1713121 छात्र पास हुए. इस साल सीबीएसई 10वीं की परीक्षा के लिए इस साल 1885885 छात्रों ने आवेदन किया था. जिनमें से 1873015 छात्रों ने परीक्षा दी थी. लड़कों के मुकाबले लड़कियों ने 3.17 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया है.

ऐसा ही कुछ झारखंड में भी देखने को मिला, जहां की स्टेट टॉपर भी एक लड़की है. खास बात ये है कि झारखंड बनने के बाद ये पहली बार होगा जब कोई आदिवासी समाज की लड़की ने स्टेट टॉपर बनकर नाम रोशन किया है. झारखंड की राजधानी रांची के डी.ए.वी. हेहल की दसवीं की छात्रा लीजा उरांव ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में में इंग्लिश में 99, हिंदी में 100, गणित में 98, साइंस में 99, सोशल साइंस में 98 और आइटी में 100 अंक हासिल किए हैं. प्रभात खबर के शौर्य पुंज द्वारा लीजा उरांव से उनकी सफलता पर बातचीत की है

लीजा आपको दसवीं की परीक्षा में सफल होने की ढेर सारी बधाई.

जी धन्यवाद.

झारखंड राज्य के गठन के बाद पहली बार कोई आदिवासी समाज की लड़की स्टेट टॉपर बनी है, आदिवासी समाज के लिए भविष्य में आप क्या करना चाहेंगी ?

आगे चलकर आदिवासी समाज को मुख्य धारा से जोड़ना चाहूंगी. अभी भी लोग मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. इसमें थोड़ा और वक्त लग सकता है, पर अपनी तरफ से पूरी कोशिश रहेगी की इस समाज के लिए कुछ अच्छा करूं.

अपनी पढ़ाई की रणनीति के बारे में बताइए, कि किस प्रकार आप पढ़ाई के रूटीन को फॉलो करती थी ?

स्कूल की पढ़ाई को घर में आकर दोहराना काफी जरूरी होता है, इसलिए स्कूल में जो भी पढ़ाई होती थी उसे मैं घर में आकर एक बार रिवाइज जरूर करती थी. इससे मेरा परफॉर्मेंस अच्छा होता चला गया.

अपने परिवार के बार में कुछ बताएं, और आपकी सफलता में उनके योगदान को बताएं.

मेरे माता और पिता दोनों शिक्षक हैं, पिता टिकराटोली बेड़ो में प्राइमरी टीचर के तौर पर कार्यरत हैं और मां इटकी की गर्ल्स हाई स्कूल में हिंदी की शिक्षिका हैं. दोनो का काफी सहयोग रहा. दोनों ने कभी मेरे ऊपर पढ़ने के लिए दबाव नहीं बनाया है, दोनों ने भविष्य के लिए कहा है कि जिस क्षेत्र में जाने की इच्छा है जा सकती हूं.

आपकी मां हिंदी की शिक्षिका हैं, तो इससे आपको कितनी मदद मिली हिंदी विषय की तैयारी करने के लिए ?

हिंदी और संस्कृत विषय से चुनाव करने को कहा गया तो मैंने हिंदी विषय को चुना. मां का हमेशा से सहयोग रहा है और पढ़ाई के दौरान कोई भी परेशानी या डाउट होता तो मैं उनसे क्लीयर कर लेती थी.

अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में हमें बताइए.

ग्यारहवीं में मैने फिजिक्स, केमेस्ट्री और गणित विषय लिया है. मैं अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई डी.ए.वी. हेहल से करूंगी उसके बाद इंजीनियरिंग करने को सोची हूं और अपनी कैरियर यूपीएससी की परीक्षा देकर सिविल सेवा अधिकारी बनकर बनाना चाहती हूं.

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