रांची : कोल्हान में झामुमो की जबरदस्त पैठ है. झामुमो ने पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके में मजबूत खूंटा गाड़ा था. कोल्हान की 14 सीटों में भाजपा का खाता नहीं खुल पाया था. कोल्हान ने झामुमो को दिग्गज नेता दिये हैं. झारखंड आंदोलन के समय से कोल्हान के विधायकों का संबंध झामुमो से रहा है. कोल्हान की 14 सीटों में 11 पर झामुमो का कब्जा है. वहीं दो सीटें कांग्रेस के पास है. कोल्हान प्रमंडल के ही जमशेदपुर पूर्वी जैसी भाजपा की मजबूत सीट भी पिछली बार सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से झटक ली. आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूरी कोशिश है कि कोल्हान में सेंधमारी कर पाये.
ऑपरेशन लोटस के किरदार ढूंढे जा रहे किरदार
इसके लिए सीधा रास्ता झामुमो से टकराने के बाद खुलता है. कोल्हान में भाजपा का ऑपरेशन लोटस के किरदार ढ़ूंढे जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले चंपाई सोरेन के सहारे भाजपा यहां चुनावी गोटियां खेलना चाहती है. कोल्हान में एक आदिवासी नेता को आगे कर झामुमो को चुनावी जंग में जवाब देने की रणनीति है. भाजपा की नजर इस इलाके के कुछ विधायकों पर भी है. चंपाई सोरेन रविवार को दिल्ली पहुंचे, तो कुछ विधायकों के नाम भी उछले थे. हालांकि विधायकों ने इस खबर का खंडन किया. लेकिन राजनीतिक सूत्रों की मानें, तो भाजपा की कोशिश जारी है.
सिंहभूम लोकसभा सीट हार कर भाजपा हुई पस्त :
सिंहभूम लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की सांसद रहीं गीता कोडा को शामिल कर दांव चला था. झामुमो ने इस सीट से जोबा मांझी को उम्मीदवार बनाया. झामुमो ने यह सीट जीत कर कोल्हान में अपना दबदबा साबित किया. वहीं विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पस्त हो गयी. कोल्हान में भाजपा के दिग्गज नेता अर्जुन मुंडा से लेकर रघुवर दास तक चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में भाजपा कोल्हान में स्ट्राइक करने के लिए मजबूत प्लेयर की तलाश कर रही है.