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सुवर्णरेखा परियोजना के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम जिस बंगले में रहते थे वह हुआ सील, अदालत ने सुनाया फैसला

चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम ने बंगले को प्रक्रिया के विपरीत अपने नाम से आवंटित करा लिया था. इडी की रेड के बाद सर्किट हाउस और उलीडीह स्थित कॉलोनी के बंगले से सभी सामान हटा लिये गये थे.

सुवर्णरेखा परियोजना के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम सर्किट हाउस एरिया के जिस बंगले में रहते थे, उसे कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को सील कर दिया गया. सुवर्णरेखा परियोजना के अधिकारी यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो दोनों बंगलों को नीलाम किया जायेगा. अनूप कुमार राय सुवर्णरेखा परियोजना के ठेकेदार हैं. उन्होंने परियोजना में काफी काम किया है, लेकिन काम के बदले राशि का भुगतान नहीं किया.

बकाया लगभग आठ लाख रुपये के भुगतान के लिए उन्होंने सब जज-1 की अदालत में एग्जिक्यूशन के तहत मामला दर्ज कराया था. नौ साल बाद इस मामले में सब जज ने फैसला सुनाते हुए सुवर्णरेखा परियोजना की संपत्ति को अटैच कर ठेकेदार अनूप कुमार राय के पक्ष में डिग्री दे दी. उल्लेखनीय है कि निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम ने बंगले को प्रक्रिया के विपरीत अपने नाम से आवंटित करा लिया था.

इडी की रेड के बाद सर्किट हाउस और उलीडीह स्थित कॉलोनी के बंगले से सभी सामान हटा लिये गये थे. सब जज-1 की अदालत से कई बार नोटिस भेजने के बाद भी सुवर्णरेखा परियोजना की ओर से किसी पदाधिकारी ने उपस्थिति नहीं दर्ज करायी. इसके बाद कोर्ट ने दोनों भवनों को सील करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को बंगला नंबर एक व दो को सील किया गया. इसकी नीलामी से मिलनेवाली राशि के एक हिस्से से आठ लाख का भुगतान ठेकेदार अनूप कुमार को होगा, शेष राशि सरकार के खाते में जमा करायी जायेगी.

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