रांची: सीआरपीएफ के आईजी, कमांडेंट व पांच सौ अज्ञात जवानों के खिलाफ रांची के गोंदा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. सदर सीओ मुंशी राम की शिकायत पर ये प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 20 जनवरी को ईडी की सीएम हेमंत सोरेन से आवास में पूछताछ के दौरान सीआरपीएफ के जवानों की मौजूदगी मामले में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. इसमें कहा गया है कि सीआरपीएफ के जवान सीएम हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित सरकारी आवास की ओर जाने का प्रयास करने लगे थे. उन्हें बैरिकेडिंग के अंदर जाने से रोका गया, तो वे उलझ गए. इस दौरान सीआरपीएफ की गाड़ियों के कारण चौक जाम हो गया था. काफी मशक्कत के बाद स्थिति संभाली गयी. आपको बता दें कि जमीन घोटाला मामले में ईडी की टीम ने 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन से सात घंटे से अधिक की पूछताछ की थी. इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस के अलावा सीआरपीएफ के जवान भी मुस्तैद थे. ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर सीएम आवास तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
दर्ज प्राथमिकी में क्या है आरोप
रांची के गोंदा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के अनुसार सदर सीओ ने कहा है कि सीएम आवास और आसपास के क्षेत्र में सदर अनुमंडलाधिकारी के आदेश से धारा 144 लगायी गयी थी. इस कारण 500 मीटर क्षेत्र में हथियार के साथ जाने पर पाबंदी थी. डीसी-एसएसपी के संयुक्त आदेश का हवाला दिया गया. अनुरोध करने पर भी वे मानने को तैयार नहीं थे. अधिकारियों व पुलिसकर्मियों से सीआरपीएफ के लोग उलझते रहे. काफी प्रयास के बाद स्थिति संभाली गयी. इसलिए सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
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जमीन घोटाले में ईडी ने हेमंत सोरेन से की थी पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने भूमि घोटाले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 20 जनवरी को पूछताछ की थी. पूछताछ सात घंटे से भी ज्यादा देर तक चली थी. दिन में 12 बजे के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास (सीएमओ) पहुंची ईडी की टीम रात के साढ़े आठ बजे के बाद वहां से लौटी थी. हेमंत सोरेन ने पिछले सप्ताह ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चिट्ठी लिखकर कहा था कि पूछताछ के लिए 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास आ जाएं. इसके पहले ईडी ने उन्हें आठ बार समन भेजा था. सात बार तो हेमंत सोरेन ने ईडी के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था. सातवीं बार ईडी ने अपने तेवर नरम करते हुए एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री से कहा गया कि आपसे पूछताछ करनी है. समय और जगह आप तय करें. हमारी टीम आपसे उसी समय और उसी जगह पर पूछताछ करेगी. इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने 20 जनवरी को पूछताछ का वक्त दिया था.