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Jharkhand News: झारखंड सरकार गिराने की साजिश! इस होटल में बनी थी रणनीति, जानिए किसका नाम आ रहा है सामने

झारखंड सरकार को गिराने की साजिश में मिडिल मैन के तौर पर सामने आया महाराष्ट्र का जय कुमार बेलखड़े पूरे प्रकरण में अहम कड़ी है. अब तक की जांच और मामले में गिरफ्तार अभिषेक दुबे और अमित सिंह के स्वीकारोक्ति बयान से पता चलता है कि बेलखड़े को सब पता है.

झारखंड सरकार को गिराने की साजिश में मिडिल मैन के तौर पर सामने आया महाराष्ट्र का जय कुमार बेलखड़े पूरे प्रकरण में अहम कड़ी है. अब तक की जांच और मामले में गिरफ्तार अभिषेक दुबे और अमित सिंह के स्वीकारोक्ति बयान से पता चलता है कि बेलखड़े को सब पता है. उसे झारखंड के उन विधायकों के संबंध में भी जानकारी है, जो उसके संपर्क में थे. उसके कहने पर दिल्ली गये और भाजपा के बड़े नेताओं से मिले. अमित सिंह ने अपने बयान में कहा है कि जुलाई 2021 के पहले हफ्ते में जय कुमार बेलखड़े ने फोन कर विधायकों को तैयार करने की जवाबदेही सौंपी थी. बेलखड़े के रांची आने और उससे मिलने की बात का उल्लेख अभिषेक दुबे और अमित सिंह ने किया है.

बेलखड़े के बुलाने पर ही होटल गया था अभिषेक : अभिषेक के अनुसार, होटल ली-लैक में 21 जुलाई को जय कुमार बेलखड़े के अलावा महाराष्ट्र के बड़े बिजनेसमैन मोहित भारतीय, अनिल कुमार, अभिषेक ठक्कर (सभी महाराष्ट्र निवासी) के अलावा अमित कुमार यादव ठहरे थे. इसके लिए होटल के चार कमरे (नंबर 307, 310, 407 और 611) बुक कराये गये थे. जय कुमार के बुलाने पर ही वह होटल गया था.

अमित सिंह ने भी अपने बयान में कहा है कि वह अपने भाई दीपू के साथ जय कुमार बेलखड़े से मॉनसून रेस्टोरेंट में मिला था. वहां बेलखड़े के साथ अभिषेक दुबे और एक अन्य व्यक्ति भी था. यहां से वह हजारीबाग सर्किट हाउस जाकर एक विधायक से मिले थे. उस विधायक ने कहा था कि हम आठ लोग तैयार हैं और बाकी के चार को आप लोग देख लीजिए.

वहीं उसे पता चला था कि बेलखड़े भी यहां आनेवाला है: छापेमारी से पहले बेलखड़े और उसके साथी भाग निकले थे : अभिषेक दुबे ने अपने बयान में साफ किया है कि होटल ली-लैक में छापेमारी से 15-20 मिनट पहले बेलखड़े और उसके साथी भाग निकले थे. 15 जुलाई को रांची से तीन विधायकों के दिल्ली जाने और उन्हें एयरपोर्ट से लेकर द्वारिका स्थित होटल विवांता ले जाने और भाजपा के बड़े नेताओं से मिलवाने में जय कुमार ने ही भूमिका निभायी थी. एयरपोर्ट और होटल के सीसीटीवी की जांच से इस बात की पुष्टि होने की बात सामने आयी है. यानी रांची से दिल्ली तक के प्रकरण में जय कुमार अहम कड़ी के तौर पर सामने आया है.

दो बार जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ चुका है बेलखड़े: एनएसजी के असिस्टेंट कमांडेंट की नौकरी छोड़ जय कुमार बेलखड़े ने नागपुर में कोचिंग सेंटर शुरू किया था. सेना भर्ती पेपर लीक मामले में 2014 और 2017 में मामले में वह जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ा था. लेकिन हर बार वह जेल से बाहर आकर फिर से अपनी कारगुजारियों में जुट गया. गिरफ्तार आरोपियों ने जयकुमार बेलखेड़े को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सह भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले का भांजा बताया है.

Posted by: Pritish Sahay

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