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Coronavirus In Jharkhand : रांची में प्राइवेट अस्पताल की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई, कांके के आयुष्मान नर्सिंग होम को शोकॉज, सरकारी दर से अधिक पैसे वसूलने का आरोप

Coronavirus In Jharkhand, रांची न्यूज : कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के लिए तय मानक से ज्यादा वसूली किए जाने की शिकायत को रांची जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. रांची के उपायुक्त छवि रंजन द्वारा इस संबंध में आयुष्मान नर्सिंग होम अरसंडे, कांके को शोकॉज जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. आपको बता दें कि अस्पताल प्रबंधन ने अपने पक्ष में मरीज के परिजन से प्रशस्ति पत्र भी लिखवा लिया था कि मरीज की समुचित देखभाल की गयी.

Coronavirus In Jharkhand, रांची न्यूज : कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के लिए तय मानक से ज्यादा वसूली किए जाने की शिकायत को रांची जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. रांची के उपायुक्त छवि रंजन द्वारा इस संबंध में आयुष्मान नर्सिंग होम अरसंडे, कांके को शोकॉज जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने का आदेश दिया गया है. आपको बता दें कि अस्पताल प्रबंधन ने अपने पक्ष में मरीज के परिजन से प्रशस्ति पत्र भी लिखवा लिया था कि मरीज की समुचित देखभाल की गयी.

आयुष्मान नर्सिंग होम, अरसंडे द्वारा बुकरू, कांके की रहने वाली सुमित्रा देवी के इलाज के लिए तय मानक से ज्यादा वसूली करने का आरोप है. सुमित्रा देवी कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थीं. शिकायत मिलने पर उपायुक्त छवि रंजन के निर्देशानुसार कार्यपालक दंडाधिकारी सदर रांची द्वारा स्थल पर उपस्थित होकर जांच की गई. जिसमें सरकार के स्तर से कोरोना के इलाज के लिए निर्धारित दर से 62,440 रुपये अधिक भुगतान की बात सामने आई. जांच के क्रम में मरीज के परिजन द्वारा बताया गया कि डॉक्टर द्वारा पैसे जमा नहीं करने पर इलाज नहीं करने की धमकी भी दी गई थी.

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अस्पताल प्रबंधन ने अपने पक्ष में मरीज के परिजन से प्रशस्ति पत्र भी लिखवा लिया कि मरीज का समुचित देखभाल किया गया. रांची जिला प्रशासन द्वारा स्पष्टीकरण से संबंधित पत्र में इसका उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यदि मरीज और परिजन इलाज से संतुष्ट हैं तो इस प्रकार के प्रशस्ति पत्र की आवश्यकता ही नहीं. अस्पताल प्रबंधन के इस कृत्य से आमजनों को भारी मानसिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, साथ ही जिला प्रशासन की छवि धूमिल होती है. अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि क्यों ना DM Act-2005 और CrPC की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाए और संस्थान का अनुबंध रद्द करने की अनुशंसा की जाए.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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