भाजपा विधायक सीपी सिंह ने वायरल वीडियो प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से छह सवाल पूछे हैं. साथ ही बन्ना गुप्ता को सीबीआई जांच कराने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि बन्ना गुप्ता एक पत्र मुख्यमंत्री को लिखें और अपने मामले के साथ-साथ मुझे फंसाने की विफल कोशिश करनेवालों को भी सजा दिलाने के लिए सीबीआई जांच की मांग करें.
इस कीचड़ में कूदना नहीं चाहता- सीपी सिंह
सीपी सिंह ने कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पानी का घूंट पी-पीकर कई बार मेरे नाम का जिक्र किया. मैं इस कीचड़ में कूदना तो बिलकुल भी नहीं चाहता, लेकिन बुधवार को जब बन्ना गुप्ता के प्रेस कांफ्रेंस से लगभग साफ हो गया है कि वे अपने मामले की लीपापोती में लग गये हैं और इसके बाद भी वे मीडिया के सामने सीना चौड़ा कर बैठे हैं, तो मेरे सवालों का जवाब दें.
सीपी सिंह ने बन्ना गुप्ता से 6 सवाल किए
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24 अप्रैल की रात्रि को मेरे फोन नंबर पर रात 1:15 बजे आये कॉल की पूरी जानकारी मोबाइल नंबर के साथ कल ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी को दे दी है, तो अब किंतु-परंतु कहां है बन्ना गुप्ता जी?
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क्या आप स्पष्टता से बता पायेंगे कि आप ऐसे किसी मामले में फंसे हैं या आपका मामला कुछ दूसरा है?
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कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने मामले को दबाने या छिपाने के लिए उनके या उनके सहयोगियों के ही द्वारा कुछ ऐसा षड्यंत्र किया गया हो कि आपका मामला ठंडा हो जाये या दब जाये?
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मैंने अपने मामले की पूरी जानकारी एसएसपी रांची और थानेदार लालपुर को दे दी है. सरकार आपकी है, आप सरकार में मंत्री हैं, जरा पता लगायें कि आखिर माजरा क्या है?
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आप में हिम्मत है, तो बतायें, आखिर किससे बात कर रहे थे? मोबाइल नंबर क्या था? आप मेरे मामले की ओट लेने को आतुर क्यों हैं?
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मैं अपने मामले के उद्भेदन के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी पत्र लिखूंगा. क्या बन्ना गुप्ता भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सीबीआई जांच की मांग करने की हिम्मत रखते हैं?
मामले में आलमगीर आलम ने क्या कहा
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के वायरल वीडियो की उन्हें जानकारी है. घटना के दिन ही उन्होंने फोन कर इसकी सूचना दी थी. यह भी बताया था कि इस मामले को लेकर उन्होंने केस दर्ज कराया है. मामले की जांच कराने की मांग की गई है. यह पूछे जाने पर कि इस मामले में पार्टी का स्टैंड क्या है? उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कोई निर्णय होगा. आलाकमान को भी स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी बातों से अवगत कराया है. इस मुद्दे पर उनकी बात प्रदेश प्रभारी से नहीं हुई है.