रांची. झारखंड कैडर (1990 बैच) के आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी का स्वत: प्रभार ग्रहण किया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से अपनी प्राथमिकता गिनायीं. कहा कि पुलिस की वर्दी समाज की सेवा के लिए है. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो हमें वर्दी पहनने का कोई अधिकार नहीं है. यही वाक्य डीजीपी से लेकर सिपाही तक के लिए है. इसलिए सभी जनता की सेवा करें. सही काम करें. गलत काम नहीं करेें. सभी की प्राथमिकी में महिला, बच्चे व बुजुर्ग की सुरक्षा होनी चाहिए. अगले एक से डेढ़ माह में राज्य के सभी जिलों का व्यापक दौरा करूंगा. वहां के संगठनों से मिलूंगा. हर थाना के बाहर वहां के थानेदार, डीएसपी, एसपी, डीआइजी, एसीबी व डीजीपी का मोबाइल नंबर व ई-मेल आइडी, व्हाट्सऐप नंबर लिखवाया जायेगा, ताकि किसी स्तर पर थाना पर शिकायत का समाधान नहीं होने की दशा में पीड़ित उच्च अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा सकें. राज्य के सभी में उक्त व्यवस्था की जायेगी.
दिल्ली की तर्ज पर झारखंड की पुलिस को सजग बनाने की होगी कोशिश
एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा : फोन करने पर पुलिस के स्तर से तत्काल सेवा नहीं मिलने कि हमें शिकायत मिली है. इसलिए दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में घटना होने पर तत्काल 112 पर डायल करने पर पुलिस मौके पर पहुंचे, ऐसा मेरा प्रयास होगा. डीजीपी ने कहा कि साइबर व संगठित अपराध व मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए अलग से पुलिस की टीम बनाकर तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल कर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. साथ ही झारखंड को अपराध मुक्त और सुरक्षित राज्य बनाने का सार्थक प्रयास होगा. वहीं, पुलिस और जनता के बीच विश्वास व संवाद को मजबूत किया जायेगा. पदभार ग्रहण करने के बाद डीजीपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. उसके बाद वे डीजी-आइजी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए भुवनेश्वर रवाना हो गये. डीजीपी के पदभार ग्रहण के मौके पर डीजी मुख्यालय आरके मल्लिक, एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर, एडीजी सुमन गुप्ता, आइजी एवी होमकर, पंकज कंबोज, अनुप्पु विजयालक्ष्मी, डीआइजी इंद्रजीत महथा, कार्तिक एस और नौशाद आलम मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है