विवेक चंद्र, रांची : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने धनबाद नगर निगम में भारी गड़बड़ी की आशंका जतायी है. गड़बड़ियों की जांच के लिए एसीबी ने निगम से कई कागजात मांगे हैं. साथ ही कई सवाल भी पूछे. पर नगर निगम ने एसीबी को कागजात उपलब्ध कराना तो दूर, जवाब तक नहीं दिया. इसी वर्ष 26 फरवरी को धनबाद नगर निगम में एसीबी ने छापामारी की थी. इस दाैरान एसीबी ने नियुक्ति में गड़बड़ी की भी आशंका जतायी और इसका ब्याेरा मांगा.
अब तक नियुक्तियों से संबंधित संचिका नहीं दी जा रही है. बार-बार मांगे जाने के बावजूद निगम की स्थापना शाखा छापामारी के दिन कार्यालय आनेवाले और अनुपस्थित कर्मचारियों की सूची तक उपलब्ध नहीं करा रही है. एसीबी को भवन निर्माण से संबंधित शिकायत के विरुद्ध की गयी कार्रवाई की जानकारी भी नहीं दी जा रही है. जांच के दौरान कोई भी अभियंता एसीबी के समक्ष उपस्थित तक नहीं हुआ.
एसीबी द्वारा की गयी कार्रवाई में पता चला कि निगम में ट्रेड लाइसेंस से संबंधित करीब 500 आवेदन विभिन्न पदाधिकारियों के टेबल पर लंबित हैं. संबंधित शाखा की ओर से इसका भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा सभी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 34 लाभुकों के वाटर कनेक्शन का आवेदन भी लंबित पाया गया था. इससे संबंधित प्रश्न पर भी निगम चुप्पी साधे हुए है.
जांच के क्रम में एसीबी ने पाया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 1,355 लाभुकों को 12,000 रुपये के बदले 18,000 रुपये का भुगतान कर दिया गया है. इसमें से केवल 400 लाभुकों से रुपयों की वसूली की गयी है. शेष से अब तक राशि वापस नहीं प्राप्त की जा सकी है. नगर निगम द्वारा बताया गया कि सभी लाभुकों का खाता फ्रीज कर दिया गया है.
धनबाद नगर निगम द्वारा होर्डिंग से संबंधित कोई भी जानकारी एसीबी को नहीं दी जा रही है. एसीबी ने पाया कि निगम द्वारा राजस्व वसूली की प्रक्रिया में किसी प्रकार का टेंडर नहीं किया जाता है. इससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाती है. निगम में होर्डिंग से संबंधित लगभग 3,000 आवेदन भी लंबित पाये गये.
नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे ने धनबाद के नगर आयुक्त से एसीबी की आपत्तियों का जवाब सात दिनों के अंदर देने को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि एसीबी की आपत्तियों पर धनबाद नगर निगम के जवाब से नगर विकास व मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को भी अवगत कराया जाये.